________________
८. ११]
विलासवईकहा
११९
[११]
तो पर-बलु पेच्छेवि पराविउ तक्खणि चंडसीह-बलु धाविउ । तसु सम्मुहुँ समरंगणे गाढह सेन्नु परिहिउ कंचणदाढह । तो तहिं समर तूरु अप्फालिउ सुर-सिद्धेहिं नहंगणु मालिउ । हक्कोहक्क-सद्द-संवलियउ कलयल-राउ भडहं उच्छलियउ । ५ मिहुणई जिह उक्कंठा-कलियई सरहसु दोणि वि सेन्नई मिलियई ।
मिहुणइं जिह उच्चल्लिय-पायई मिहुणई जिह उग्गामिय-घायइं । मिहुणई जिह आयड्ढिय-केसई मिहुणई जिह किय-भमुहावेसई । मिहुणइं जिह विमुक्क-सिक्कारई मिहुणइं जिह विदिण्ण-हुंकारई ।
मिहणई जिह संड सि-ओटइं मिहुणई जिह आवलिय-पोट्टई । १० मिहुणई जिह नहसंगु करंतई मिहुणई जिह निब्भरु पेल्लंतई ।
अवरोप्परु कुद्धइं जय-सिरि-लुद्धइं पर-पेल्लणहं पयट्टइं । कय-सामि-पसायई मुक्क-विसायई दो वि बलई अभिट्टई ॥११॥
[१२] अह तर्हि विज्जाहर वग्गयंति अणुरूव-गडाण विलग्गति । तो घाय-पलोट्टिय-रुहिर-सोन्तु उग्धोसिय-पुव्वय-पुरिस-गोत्तु । दप्पिय-भड-मेल्लिय-सीहनाउ तं दारुणु तक्खणे समरु जाउ । तत्थ य खल-रिद्धि-सन्निहाओ। भल्लिओ पडंति असुहावहाओ । तह काल-राइ-संनिह पडंति नाराय निद्द गरुइय करंति । जम-महिस-सिंग-सरिसंगयाओ निवडहिं गयाओ भड कर-गयाओ। नर-रुहिर-मंस-अहिलासिणीओ सत्तीओ वि नावइ साइणीओ । असणिहिं माहप्पु पराजयंता मोग्गर पडंति मुसुमूरयंता ।
भुक्खियह कयंतह नाइ दंत निवडंति सेल्ल तर्हि झलहलंत । १० जम-जीह-सरिच्छउ तहिं वहंति तरवारिउ विज्जाहर वहति ।
[११] २ पु० सम्मुहु समरंगण ३. ला0 अप्फालियु ४. ला० कलयल-रावु५. पु० सहरसु
६. ला० उच्चलिय-११. ला. पेल्लणह [१२] २. लाल-पलाहिय-४.ला. खल-रिद्धिओ सन्निहाउ ५. पु० गरुय ९. पु०
कयंतहु १०. ला०-सरिच्छओ... तरवारिओ
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org