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* विषयानुक्रमणिका *
५-६
विषय
पृष्ठ ग्रन्थमालाके सम्पादकोंका वक्तव्य सम्पादकीय वक्तव्य प्रस्तावना
१. हस्तलिखित प्रतियां २. ग्रन्थपरिचय ३. विषय का सारांश ४. ग्रन्थकार ५. ग्रन्थ का वैशिष्ट्य ६.ग्रन्थ का वृत्त और भाषा ७. ग्रन्थरचनाका काल ८. क्या सर्वनन्दिकृत कोई लोकविभाग रहा है ? ९. लोकविभाग व तिलोयपण्णत्ति १०. लोकविभाग व हरिवंशपुराण ११. लोकविभाग व आदिपुराण
१२. लोकविभाग व त्रिलोकसार विषय-सूची
३७-५१ शुद्धि-पत्र
५२ लोकविभाग मूल व हिन्दी अनुवाद
१-२२५ परिशिष्ट
२२६-२५६ १. श्लोकानुक्रमणिका
२२६ २. उद्धृत-पद्यानुक्रमणिका
२४१ ३. विशिष्ट-शब्द-सूची
२४३
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