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प्राकृतव्याकरणे
तइ-तु-ते-तुम्ह-तुह-तुहं-तुव-तुम-तुमे-तुमो
तुमाइ-दि-दे-इ-ए-तुब्भोभोय्हा ङसा ॥ ९९ ॥ युष्मदो डसा षष्ठ्ये कवचनेन सहितस्य एते अष्टादशादेशा भवन्ति । तइ । तु । ते । तुम्हं । तुह । तुहं । तुव । तम । तमे। तुमो। तुमाइ । दि । दे। इ। ए। तब्भ । उब्भ । उयह धणं। ब्भो म्हज्झौ वेति वचनात् तुम्ह तज्झ, उम्ह उज्झ । एवं च द्वाविंशती रूपाणि ।
षष्ठी एकवचन कै उस् ( प्रत्यय ) के सह युष्मद् ( सर्वनाम ) को तइ, तु, ते, तुम्हं, तुह, तुहं, तुव, तुम, तुमे, तुमो, तुमाइ, दि, दे, इ, ए, तुब्भ, उब्भ, और उयह ( ऐसे ) ये अठारह आदेश होते हैं। उदा०-तइ...."उयह धणं । 'भो म्ह ज्झौ वा' वचन के अनुसार तुम्ह और तुज्झ, तथा उम्ह और उज्झ ( ये रूप होते हैं। और इस प्रकार ( कुल ) बाईस रूप होते हैं।
त वो मे तब्भ तुभं तुब्माण तुवाण
तुमाण तुहाण उम्हाण आमा ॥१०० ॥ युष्मद आमा सहितस्य एते दशादेशा भवन्ति । तु। वा। भे। तुब्भ । तब्भं । तुब्भाण । तुवाण । तुमाण । तुहाण । उम्हाण। क्त्वा स्यादेर्णस्वोर्वा ( '.२७ ) इत्यनुस्वारे तब्भाणं तुवाणं तुमाणं तुहाणं उम्हाणं। ब्भो म्हज्झौ वेति वचनात् तुम्ह तुज्झ, तुम्हं तुझं, तुम्हाण तुम्हाणं तुज्झाण तुज्झाणं, धणं । एवं च त्रयोविंशती रूपाणि । ___ आम ( प्रत्यय ) के सहित ( होने वाले ) युष्मद् (सर्वनाम ) को तु, वो भे, तुब्भ, तुभं, तुम्भाण, तुवाण, तुमाण, तुहाण, ओर उम्हाण ( ऐसे ) ये दस आदेश होते हैं। उदा०--तु वो--- .."उम्हाण । 'क्वास्यादेर्णस्बोर्वा' इस सूत्र के अनुसार, ( ण के ऊपर ) अनुस्वार आने पर, तुब्भाणं . . ."उम्हाणं ( ऐसे भी रूप होते हैं ) । 'भो म्ह ज्झौ वा वचन के अनुसार, तुम्ह'.. ''तुज्झाणं धणं ( ऐसे रूप होते हैं )। और इस प्रकार, ( कुल ) तेईस रूप होते हैं ।
तुमे तुमए तुमाइ तइ तए ङिना ॥ १०१।। युष्मदो डिना सप्तम्येकवचनेन सहितस्य एते पञ्चादेशा भवन्ति । तुमे तुमए तुमाइ तइ तए ठिअं।
सप्तमी एक वचन के ङि ( प्रत्यय ) के सहित ( होनेवाले ) युष्मद् को तुमे, तुमए, तुमाइ, तइ, और तए ( ऐसे ) ये पांच आदेश होते हैं। उदा०--तुमे... .... तए ठि।
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