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________________ 3. 8. 11] णायकुमारचरिउ 5 10 अज्जु परए भो णरवरसारा कण्णाजुयलउ मरइ भडारा। तुह लहुसुयविरहें णं छित्त. ण जियइ एवहिं मरइ णिरुत्तउ । कामएउ णियहियवए भाविउ ता राएं कुमार कोक्काविउ । भणइ पुत्तु किं कुल जोइजइ अकुलीणु वि थीरयणु लइजइ। उत्तमवेसई दीसहिं सोम्मई महिणाहु वि पायग्गे हम्मई । सुद्धचित्त वेस वि कुलउत्ती म करहि सुंदर उत्तपडत्ती। जिणपयपंकयमहुयरु दीसहि तुहुं कारुण्णवंतु मं भीसहि । कण्णाजुयलु मरंतउ रक्खहि तरुण तिरिच्छच्छीहिं णिरिक्खहि । ता कुमारु पडिजंपइ चंगउ पंतु पियाउ समप्पमि अंगउ । जुत्ताजुत्त गुरुयणु जाणइ सिसु दिण्णउ पेसणु संमाणइ। घत्ता-ता रोमंचियए आणेप्पिणु णेहविहिण्णउ । पंचसुअंधिणिए धीयउ कंदप्पहो दिण्णउ ॥ ७॥ 15 Water-sports of Nagakumara. His mother's exit to meet him, but her rival arouses the suspicions of the king against her. दुवइ-मंगलतूरभेरिणिग्योस बहिरिउ गयणमग्गउ। रइपीईउ वे वि णं कुमरिउ मणसियकरे विलग्गउ ॥ अण्णहिं दिणि वरु सेविउ घरिणिहिं सरे पइट्ट करि विव सहुं करिणिहिं । पणइणि परिमिएण वित्थारे । सलिलकील पारद्ध कुमार। गयणिवण तणु जले लिहक्कावा अडुम्मिल्लु का वि थणु दावइ । पउमिणिदलजलविंदु वि जोयइ का वि तहिं जि हारावलि ढोयइ। का वि तरंगहि तिवलिउ लक्खइ सारिच्छउ तहो सुहयहो अक्खइ । काहे वि महुयरु परिमलबहलहो कमलु मुएवि जाइ मुहकमलहो । सुहुमु जलोखं दिट्ट णहमग्गउ काहे वि अंबरु अंगि विलग्गउ । काहे वि उप्परियणु जले घोलइ पाणियछल्लि व लोउ णिहालइ । णाणामाणिणीहिं दुकंतिहिं जलजंताई करेहिं धरतिहिं । 5 ___२ C चित्तउ; D also विरहाणलछित्तउ ३ E पउत्ती. ४ AB तरुणारिच्छ'; E तिरच्छ".५ E °प्पिवि. 8 १० तूरवीर; B तूरधीर. २ C व° ३ ABDE °णिए. ४ C °णु. ५ DE °वइ ६ E जलुल्ल. - २९ --- Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001870
Book TitleNayakumarchariu
Original Sutra AuthorPushpadant
AuthorHiralal Jain
PublisherBalatkaragana Jain Publication Society
Publication Year1989
Total Pages280
LanguagePrakrit, Hindi, English
ClassificationBook_Devnagari, Story, & Grammar
File Size18 MB
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