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पुप्फयंतविरइयउ
[8.2.1
Mahavyala learns from a traveller about the Pandyan princess who did
not like any man. He goes to Southern Mathura and is seen by her. ता दिट्ट पहिउ पंथेण जंतु
अच्छेरउ किं महिवीढि वित्तु । कोकिउ पुच्छिउ जयवइसुपण
आहासिउ तहो पावासिएण। गंभीरविजयदुंदुहिणिणाउ
दाहिणमहुराहिउ पंडिराउ। सिरिमलयसुंदरीभोइणीए
आलिंगिउ भोइ व भोइणीए । कामरइ धीय को मेरइ जाहिं
चिंतंतु रूउ णिरु णिरुवमाहिं । तहिं पुरिसु णरुञ्चइ को वि केम चुणिएण हयंगहो भैंत्तु जेम। तं णिसुणिवि जयवइतणुरुहेण
कय गमणजुत्ति पहसियमुहेण । संपत्तउ महुराउरि पइट्ठ
आवणे णिविट्ठ लोएणं दिट्ठ। णिवकिंकर जयसिरिरमणसुंडे भडु कामरूउ णा पयंड। ते कडिय सा सुंदरि घराउ
णं करिणा करिणि महासराउ। किर झत्ति हट्टमग्गेण जाइ
तही जंतहो पुरउ ण को वि ठाई । घत्ता-जोइ कयमयणिहिं चैलियहिं णयणेहिं मुद्धए विवणि णिसण्णु णरु ।
अहिमाणखयंकर विरहभयंकर मणे पइट्ठ णं कुसुमसरु ॥२॥
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The princess raises an alarm and Mahavyala has to fight the guards.
She is pleased with his victory. पहवंतवाहधारासरीए
अण्णाउ पघोसिउ सुंदरीए । दूराउ जे अवलोइय जणेण
बलिवंडए रुभिवि हउं अणेण । णिजमि लग्गी विलवंति एम
परितायहि तुहुं मई मणुयदेव । तामायउ रूसिवि खग्गपाणि
मरु मरु भणंतु दुव्वयणवाणि । परसंताविर पाविट्ठ घोर
वलु वलु काणीण कुमारिचोर । 5 ता सो वि वलिउ पुलइयसरीरु महवालु कामरूवंकवीरु। वञ्चंति वलंति हणंति ठंति'
भमियई करवालई धगधगंति । 2. १E खित्तु. २ E जइवइ. ३ E तहु. ४ DE मलयासुंदरि. ५ D वरइ. ६ C°हे. ७ E
कहमि. ८ E भुत्तु. ९ C लोएहिं. १० C रमणसंडु; D ° रमणु सुंडु; E ° रमाणिसंडु. ११ - CE थाइ. १२ जोयउ. १३ Cवलियहिं. १४ E विहर'. 3., १ ABE चलिउ. २C थंति.
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