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उज्जोयणसूरिविरहया
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1 तमओ सविसेस-जाय-जीविय-भएण मए पुच्छिया 'सुंदरि, ता को उण मम जीवणोवाओं' त्ति । तीए भणियं । 'णत्थि तुह 1
जीवणोवाओ। सामिणो दोझं ण करेमो । तहा वि तुम्हे मज्झेण मह महतो सिगेहो । ता मह वयण णिसुणेसु । अस्थि ३ एक्को उवाओ, जइ तं करेसि'। मए भणियं 'साह, केरिसो' । तीए संलत्तं 'हिजो णवमीए सम्बो इमो परियणो सह 3
सामिणा हाइडं वच्चीहि त्ति। तओ तम्मि समए एक्कट्टय-मेत्ते रक्खवाले जइ कवाडे विहडे पलायसि, तओ चुक्को, ण अण्णह' त्ति भणती णिग्गया सामए चिंतियं । 'णीहरंतो जहण दिट्रो, तो चुको । मह दिट्ठो, तो धुवं मरण' ति चिंतिऊण तम्मि 6दियहे णिक्खतो । तओ ण केणइ दिवो। तओ मित्त, तम्हा पलायमाणो तुम अण्णेसिंउ पयत्तो। ताव एक्केण देसिएण 6
साहियं जहा एरिसो एरिसो य देसिओ एको गओ इमिणा मग्गेणं । एयं सोऊण तुह मग्गालग्गो समागओ जाव तुम एत्थ दिट्ठो गम्मया-कूले । ता मित्त, एयं मए अणुहूर्य दुक्ख, संपयं सुहं संवुत्तं ति । अवि य । " मित्तेहिं जाव ण सुयं सुहं व दुक्ख व जीव-लोयम्मि । सुयणाण हियय-लग्गं अच्छह ता तिक्ख-सल व॥'
एयं च णिसामिऊण बाह-जल-पप्पुयच्छेण भणिय थाणुणा । 'महो ___ अज चिय जाओ हं अर्ज रयणा िणवर पत्ताई । जसब्व-सोक्ख-मूलं जीवंतो अज संपत्तो।' 12 ६११८) एवं च भणिऊण कयं मुह-धोवणं । कयाहार-किरिया य उत्तिण्णा जल-तरल-तरंग-रंगत-मत्त-मायंग-मज-19
माण-मयरेहाहोय-दाण-जल-णीसंद-बिंदु-परिप्पयंत-चित्तल-जलं महाणई णम्मयं ति । थोवंतरं च जाव वञ्चति ताव अणेय
वेलि-लया-गुविल-गुम्म-दूसंचाराए महाडवीए पणटो मग्गो भव-सय-सहस्स-गुविल-संचारे संसार कतारे अभवियाण पिव 16 जिम्मलो जिणमग्गो। तओ ते पण?-मग्गा मूढ-दिसिवहा भय-वेविर-गत्ता उम्मत्तगा विय अणिरूविय-गम्मागम्मा + 15 महाडविं पविसिउं समाढत्ता । जा पुण कइसिय । अवि य ।
बह-विह-कुसुमिय-तरुवर-कुसुमासव-लुद्ध-भमिर-भमरउला। भमिर-भमिरोलि-गुंजा-महुर-सरुग्गीय-मिलिय-हरिणउला 18
हरिणउल-णिञ्चल-ट्ठिय-दसण-धावंत-दरिय-वण-वग्घा । वण-वग्घ-दसणुप्पित्थ-हत्थि-णासंत-वण-महिसा ॥ वण-महिस-वेय-भजंत-सिंग-सण्हावडत-तरु-णिवहा । तरु-णिवह-तुंग-सदुच्छलत-पडिसुत्त-बुद्ध-वण-सीहा ॥
वण-सीह-मुक्त-दीहर-परिकुविओरल्लि-हित्थ-हस्थिउला । हत्थिउल-संभमुम्मुक्तक-भीम-सुकार-कुविय-वण-सरहा॥ 1 वण-सरह-संभम-भमत-सेस-सय-सउण-सेण्ण-बीहच्छा । सउण-सय-सावयाराव-भीम-सुन्वंत-गरुय-पडिसदा ॥ ॥
अवि य । कहिंचि करयरेंत-वायसा कुलुकुलेत-सउणया रणरणेत-रण्णया चिलिचिलेत-वाणरा रुणुरुणत-महुयरा धुरुधुरुतवग्धया समसमेंत-पवणया धमधमेंत-जलणया कडकडेंत-साहिया चिरिचिरेत-चीरिया दिट्ठा रण्णुद्देसया । अवि य । । बह-वुत्तत-पयत्तिय-भव-सय-संबाह-भीम-दुत्तारं । संसाराडह-सरिसं भमति अडई अभविय व्व ॥
६११९) तओ एवं च परिभमंताण तम्मि समए को कालो पट्टि पयत्तो । अवि य । वित्थिण्ण-भुवण-कोट्टय-मज्झ-गयं तविय-पव्वयंगारं । उय धम्मइ पवणेणं रवि-बिंब लोह-पिंडं व ॥ का सयल-जण-कम्म-सक्खी भुवणभंतर-पयत्त-वावारो। गिम्हम्मि रवी जीए कुविय-कर्यतो ब्व तावेह । एयारिसे य गिम्ह-समए वट्टमाणे का उण वेला वहिउँ पयत्ता ।
अवरोवहि-वेला-वारि-णियर-तणु-सिसिर-सीयरासत्ता । णहयल-गिरिवर-सिहरं रवि-रह-तुरया वलग्गति ॥ 30 सिसिर-णरिंदम्मि गए दूसह-घण-सिसिर-बंधण-विमुक्को । तावेइ अवर-णिकरे संपइ सूरो परवइ व्व ॥
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1) सुंदरी, P ता का मम जीवणोउवाउ, P तुम for तुह. 2) om. ण, P वि ममं तुज्झ मज्झेण महतो, P मई. 3) P होजा णवमी सब्बो. 4) सामिणो, वच्चीहिति P वञ्चिहिसि, P तंमि ससए एकंदुयमेत्ते, जइ वाडे विहडाविउं. 5)P मणि for भणंती, I जइ णिक्खतो ता चुको, P om. ति. 6) ता for ताव. 7) सोउं for एवं सोऊण, P तुमं न दिट्ठो एत्थ नम्मया'. 8) Pएवं for एयं. 10)-प्पप्पुअच्छेण, P adds च before थाणुणा. 12) Pएयं for एवं, P कयमुहधावणकयाहारा तुरिया, J जलयरतरंग. 13) Pमयरहाधाय, चितलजला महाणइणम्मय, P मलं for जलं, Pom, च, न तावय, ताव अणय. 14) गुहिल, Pदुस्संचारा महाडईए, पण?मगा, Pom. सय, गुहिल, P संसारे. 15) P तेण for ते, P मूढदिसि बिहाया भयः, उम्मत्तगो विय निरूविय, Pom. तं. 16) Pमहाडई, पुण केसिया. 17) P कुसुमयतस्यर, om. भमिर, P भमिरोल-, P सरग्गीय. 18) Pधोवंत, Pदसणुपिच्छ, मत्त (on the margin) for हत्थि.. 19)P भयभजतसंग, णिवट्ठ for णिवह, P भत्तु for तुंग, P वणसीह. 20) J सभमुमुक्क P संभममुक, सहरा for सरहा. 21) सेस for सेससय, वीरुच्छा for बीहच्छा . 22) करयरंत, I adds कहिंचि before कुलकुलेत, रुणरुणेतभमरया, धुरुधुरेत. 23) कडयडंत, P रणुद्दे सया, I om. अवि य. 24) बुहु for बहु. 26) विच्छिन्नभवण, पिण्डब्व. 27) सयलजल P सयजण्ण, ' जीवे for जीए. 28) Pom. य, P गिण्हसम्ए का उण. 29) अवरोअहि. 30) तावेइ य धरणिधरो संपर, नरिंदो for गरवइ.
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