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उजोयणसूरिविरइया
पुण्य-पुरिसाचरिये कम्ममादियं दवइ होए। पुत्रेण वि काय तं चिय एसो जणे नियमो ॥ अण्णं च सयल-तेलोक-गरिंद-चंद्र- पत्थणिज्ज-दरिसणाए भगवईए रायसिरीए दंसणं पि दुलहं, अच्छड ता वरो ति । दंसणेण 3 चेय तीए सव्वं सुंदरं होहि' त्ति भणिऊण समुट्ठिओ राया महासणाओ मंतियणो य ।
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३४) अह अण्णम्मि पूस - णक्खत्त जुत्ते भूय- दियहे असेस-तिय- चउक्क चच्चर - सिंघाडग-सिवाणं खंद-रुंद-गोविंद-चंदतियसिंद-गईद-गाईदारविंदणाहाणं तहा जक्ख- रक्खस-भूय-पिसाय- किंगर- किंपुरिस-महोरगाईण देवाणं बलिं दाऊण 6 तहा चरग-परिवायय-भिक्खभोय- णिग्गंथ-सक तावसाईणं दाउ जहारुहं भत्त-पाण-नियंसणाईयं, तहा दुग्गय-दुक्खिय-पंथ- 6 कप्पडियादीणं मणोरहे पूरिऊणं, तहा सुणय-सउण- कायल-प्पमुहे पुण्ण-मुहे काऊण, आयंत सुइ-भूओ धोय धवल-दुगुलयपिणो सिय-चंद्र-मण-मालादरो पासट्टिय परिषणोधरिय कुसुम बडि पढलय विहाओ पविट्टो राया देवदर वाथ प 9 जहारिहं पूइऊण देवे देवीओ य, तओ विरइओ मणि- कोमियले चंदण-गोरोयणा दोब्बंकुर-गोर-सिद्धत्थ-सत्थियक्खय- 9 सिय- कुसुमोववार- णिरंतरो परम पवितेहिं कुसुमेहिं सत्यरो ति तो पेसियासेस-परिषणो राया जिसण्णो कुस- सत्यरे, सिमिण व कमल-मल-कोमलेहिं अणवस्य महाधणु-जैव-समायण-किक कटिनिएहिं करेहिं अंजलि काउण इमे 12 भु-कुलये पटिउमारदो ।
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३५) जय महुमहच्छत्थल- दारंदोलिर-सत- दुद्धलिए जय कोल्बुद-रयण-विसहमाण- फुड-किरण-विच्छुरिए ॥ जय खीरोय-महो वहि-तरंग-रंगत-धवल-तणु-वसणे । जय कमलायर - महुयर-रणत-कल- कणिर-कंचिल्ल ॥ जय म्याग-निवासिणि णरणाह-सहरस-वच्छ दुखलिए जय कोमल-कर-पंप-गंधाद्रिय-भत-भमरउले ॥ देवि सुसु वयणं कमला लच्छी सिरी हिरी कित्ती । तं चिय रिद्धी णेव्वाणी णिव्वुइ संपया तं सि ॥ ता दायन्त्रं मह दंसणं ति अतरे तिरस्स अहया पडिन्छिन् सी महमंदगाम ॥ -18 त्ति भणिऊण य अवणउत्तिमंगेणं कओ से पणामो । काऊण य णिवण्णो कुस- सत्थरे, ठिभो य रायसिरीए चेय गुण-गण- 18 वाद-हिजो एकमहोरचं इयं जाव तयं पि तद्दय-दिवडे व राहणा श्रदिष्णदंसणामरिस-वस-विलसमाण-करिणकुबिल-भुमया-पुर्ण नावड- मिटडि-भंगुर - भीम-वयणेणं सहिय-विहारिणी-कमल-दल- कोमल-काल-छलियो 21 कवलिओ दीहर-कसिण-कुडिल-कंत-कतल-कलावो, गहियं च पउर-वरि-करि-कुंभ-मुत्ताहलद्दलणं दाहिण-हत्थेण खग्ग-रयणं । 21 भणियं च 'किं बहुणा
जड़ सग्गे पायाले अहवा खीरोयदिग्मि कमल-बजे देवि पच्चिसु एवं मह सीसे मैदानो' ॥
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24 सि भणिण समुरिसिभ वियय-संधराभोए पहारो ताव व दा-दा-रव- सद्-गभिर्ण कार्ड मित्रो से दाहिणो भुषाको 194 उष्णामिय- वयणेण नियच्छियं राइणा, जाव पेच्छइ
चयण-मियंको हामिय-कमलं कमल- सरिच्छ सुपिंजर-थणये । थणय-भरेण सुणामय-ममश-सुराय सुपिहुल-नियं ॥ पिडुल-नियंत्र-समंधर-करं करु-भरेण सुसोहिय-गमणं ।
गमण- विराविय-उर-कडयं णेउर कढय सुसोहिय-चलणं ॥ ति । भवि य ।
भसलालि-मुहल-हलबोल-वाउलिजंत-केसरुप्पीले । कमलम्मि पेसियच्छि लच्छी अद्द पेच्छइ णरिंदो || वहूग य अवणउत्तमंगेण कओ से पणामो ।
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1)साणच, Pमंणदियं सहर, P य for वि, P जणो. 2 ) P - तरलोक, P चंद्र, Pom. भगवईए, P वावारो for ता वरो, P णेणं तीए चैव सब्वं 3 ) P होहिइ त्ति, P समुवट्टिओ, ए सीहा' for महा 4 ) P अन्नंमि दियहे पू, P दियहो, P चच्चरे, P खंड, Jom. चंद. 5 ) J गईदारविं भूत for भूय, P देव्वाणं, P दाऊणं. 6 ) P चरयपरिव्वाय भिक्खु, P पाणं, P दुग्ग- 7 ) P °डियाणं, J सुणया, P कायप्प, P परितुट्ठे for पुण्णमुद्दे, सुबीहोउं, दुग्गुलय- P दुगुलनि 8) P हरणो, पास परिअणधरिअ, Jom. य. 9 ) Pom. देवे, P थिरईओ, P गोरोयणो, P व्वंकुरु, P सिद्धसस्थियकय सिय. 10 Jपेसिओ परिक्षणो, P य राया, कुसुम for कुस 11 महाकड्ढण, किणकढि, Jom करेहिं. 13 ) P वत्थल, P -लुलंत, P किरण repeated 14 ) P महोयहि, P -रुणंत 15 )P नाहस्स. 16 ) P कमलच्छी सिरिहिरी तहा कित्ती, णिष्वाणि निव्वुई. 18 ) P भाणिऊण, Pom. य, P निसण्णो, P सत्थरो, Pom. य, सिरी तीए, P चेवागुण. 19 > P तह for तश्य, ग्राइणो, P नरिस for मरिस, रस for रिस. 20) भंगुरु, सिणि, P लाणिद्दण. 21) कवलीओ, P *इलण. 23 ) P सग्गो 25 ) P य नियच्छियं, " जा for जाव 26 ) P मिणयंको ं, P सर्पिजर• 28 ) P सुमंथरकरं. भमरालि, रुप्पीलो 31
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24 ) Pom. काउं. 29)P विराश्य 30)
अवणवुत्त
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