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कुवलयमाला 1 तित्तिर-कवोय-सउणत्तणम्मि तह ससय-मोर-पसु-माये । पासत्थं चिय मरणं बहुसो पत्तं तए जीय ॥
पारद्धिएण पहओ गट्ठो सर-सल्ल-चेयणायल्लो । ण य तं मओ ण जीओ मुच्छा-मोहं उवगो सि॥ दहण पदीव-सिह किर एयं हिम्मलं महारयणं । गेण्हामि त्ति सयहं पयंग-भावम्मि उड्रोसि ॥ बडिसेण मच्छ-भावे गीएण मयत्तणे विवण्णो सि । गंधेण महुयरत्ते बहुसो रे पावियं मरणं ॥
६ .) किं वा बहुएण भणिएण। जाई जाई जाओ अर्णतसो एकमेक-मेयाए । तत्थ य तत्थ मओ ई अब्बो बालेण मरणेण ॥ णरयम्मि जीव तुमए णाणा-दुक्खाई जाइँ सहियाई । एहि ताई सरंतो विसहेजसु वेयणं एवं ॥ करवत्त-कुंभि-रुक्खा-संबलि-वेयरणि-वालुया-पुलिणं । जइ सुमरसि एयाई विसहेजसु वेयण एवं ॥ तेत्तीस-सागराई णरए जा चेयणा सहिति । ता कीस खणं एकं विसहामि ण वेयणं एय॥ . देवत्तणम्मि बहुसो रणंत-रसणाओ गुरु-णियंबाओ । मुक्काओ जुवईओ मा रज्जसु असुइ-णारीस ॥ वजिंद-णील-मरगय-समप्पमं सासयं वरं भवणं । मुकं सम्गम्मि तए वोसिर जर-कडणि-कयमेयं । णाणा-मणि-मोत्तिय-संकुलाओं भाबद्ध-इंद-धणुयाओ । रयणाणं रासीओ मोत्तुं मा रज विहवेस॥ ते के वि देवदूसे देवंगे दिव्व-भोग-फरिसिले । मोत्तण तुमं तइया संपइ मा सुमर कंथडए॥ घर-रयण-णिम्मियं पिव कणय-मयं कुसुम-रेणु-सोमालं । चइऊण तत्थ देहं कुण जर-देहम्मि मा मुच्छं । मा तेस कुण णियाणं सग्गे किर एरिसीओ रिद्धीओ । मा चिंतेहिसि सुबुरिस होइ सयं चेव ज जोग। देहं असुइ-सगम्भं भरियं पुण मुत्त-पित्त-रुहिरेण । रे जीव इमस्स तुम मा उवरिं कुणसु अणुबंध ॥ पुण्ण पावं च दुवे वञ्चंति जिएण णवर सह एए। जं पुण इमं सरीर कत्तो तं चलइ ठाणाओ॥ मा मह सीयं होहिइ ठइओ विविहेहि वत्थ-पोत्तेहिं । वचते उण जीए खलस्स कण्णं पिणो सिण्ण। मा मह उण्इं होहिह इमस्स देहस्स छत्तयं धरियं । तं जीव-गमण-समए खलस्स सव्वं पिपम्हट। मा मह छुहा भवीहिद इमस्स देहस्स संबलं बूढं । तं जीव-गमण-काले कह व कयग्घेण णो भरियं ॥ मा मे तण्हा होहिइ मरुत्थलीसु पि पाणियं बूढं । तेण चिय देह तुम खल-गहिओ किं ण सुकएण ॥ तह लालियस्स तह पालियस्स तह गंध-मल्ल-सुरहिस्स । खल देह तुज्म जुत्तं पयं पिणो देसि गंतवे ॥ अन्वो जणस्स मोहो धम्मं मोत्तूण गमण-सुसहाय । देहस्स कुणइ पेच्छसु तड़ियहं सव-कजाई ॥ त्थि पुहईए अण्णो अविसेसो जारिसो इमो जीवो । देहस्स कुणइ एकं धम्मस्स ण गेण्हए णाम ॥ धम्मेण होइ सुगई देहो वि विलोहए मरण-काले । तह वि कयग्धो जीवो देहस्स सुहई चिंतेइ ॥ छारस्स होइ पुंजो अहवा किमियाण सिलिसिलेंताण । सुक्खइ रवि-किरणेहिँ वि होहिह पूयस्स व पवाहो ॥ भत्तं व सउणयाणं भक्खं वालाण कोल्हुयाईणं । होहिइ पत्थर-सरिसं अव्वो सुकं व कट्टे वा॥ वा एरिसेण संपइ असार-देहेण जइ तवो होइ । ल, जं लहियन्वं मा मुच्छं कुणसु देहम्मि॥ अविय, देहेण कुणह धम्मं अंतम्मि विलोट्टए पुणो एयं । फग्गुण-मासं खेलह परसंते णेय पिटे य ।। ताविजउ कुणह तवं भिण्णं देहाओं पुग्गलं देहं । कट्ठ-जलंर्तिगाले परहत्थेणेय ते जीव ।। देहेण कुणह धम्मं अंतम्मि विलोहए पुणो एयं । उस्स पामियंगस्स वाहियं जं तयं लद्धं ॥ पोग्गल-मइयं कम्म हम्मउ देहेण पोग्गल-मएण । रे जीव कुणसु एवं विल्लं विल्लेण फोडेसु॥
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1 कपोत, P कवोतसउगवरंमि तह, मासत्यं for पासत्थं, जा जीव. 3) पईवसिहं, Pत्ति यण् दद्रो सि. 4) पडिसेण for बडिसेण, P मयत्तेण, P महुरयत्ते, महुरयत्ते, Jए for रे, P पाविओ मरणे. 5) बहुभणिएण. 6) जाओ for the first जाई, Pom. जाओ, P एकमेकदाए. 7) P नरकमि भरतो, वेसहेज मु. 8) Pom. the verae करवत eto. to वेयर्ण एवं ॥. 9) तेत्तीस सगराई. 10) रसणा गुरु', P मारेजसु. 11) Pमरमयसमप्पयं, rom. जर, . कडकयनिकयमेयं. 12) P धनुया । णाणं रासीओ, Pमारेज. 13) P दिवंगे, P फरिसिलो, कंथरए, 14) सोमार।. 15) P सपुरिस, चेय. 16) P सगभंतरियं, P रुहिराण, P कुमणसु. 16) P बच्चति, P एते, P हाणाओ. 18) ? महं सीहं होही, कण्णं पि ना मिडं ॥. 19) Pदेह छत्तयं. 20) P भवीहइ, P संबलं मूद. 21) तेणं चिय, खण for खल. 22) यं for पयं. 24) पुहवीए अण्णो, P देह कुणद कजं धम्मस्स. 25) P सुगती. 26) मुकर, P वा for वि, होहिति पुत्तिरस व,P पूयस्स बाहो ॥. 27) कोल्हुआतीण । होहिति. 28) तओ होर, यवं मु मा मुच्छति कुणसु. 29) खेलह, P परसते, " परिसंतेणाय पिढे. 30) कत्थसुजलर्तिगालो पर पर , कजलंतंगारे परहत्येणाय. 31) वाहितं. 32) P हम्मं उ, P जीय कुण एयं, P फोलेडेसु.
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