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उज्जोयणसूरिविरइया
1 जेहि कए रमणिज्जे वरंग-पउमाण चरिय-वित्थारे । कह व ण सलाहणिजे ते कइणो जडिय-रविसेणे...
जो इच्छइ भव-विरहं भवविरह को ण वंदए सुयणो । समय-सय-सत्थ-गुरुणो समरमियंका कहा जस्स। ३ अण्णे वि महा-कइणो गरुय-कहा-बंध-चिंतिय-मईओ । अभिमाण-परक्कम-साहसंक-विणए विइंतेमि ॥
एयाण कहा-बंधे तं णत्थि जयम्मि जं. कइ वि चुकं । तह वि अणतो अत्थो कीरइ एसो कहा-बंधो॥
६७) तामओ पुण पंच कहाओ। जहा । सयलकहा, खंडकहा, उल्लावकहा, परिहासकहा, तहा परा कहिया ति। 6 एयाओ सव्वाओ वि एस्थ पसिद्धाओं सुंदर-कहाओ । एयाण लक्खण-धरा संकिण्ण-कह त्ति णायव्वा ॥
कत्थई रूवय-रइया कत्थइ वयणेहि ललिय-दीहेहिं । कत्थइ उल्लाहिं कत्थइ कुलएहि णिम्मयिया। कत्थइ गाहा-रइया कत्थइ दुवईहिँ गीइया-सहिया । दुवलय-चक्कलएहिं तियलय तह भिषणएहिं च ॥ कथइ दंडय-रइया कत्थइ.णाराय-तोडय-णिबद्धा । कथइ. वित्तेहि पुणो कथइ रइया तरंगेहिं॥ कत्थइ उल्लाहिं अवरोप्पर-हासिरेहिँ वयणेहिं । माला-वयहिँ पुणो रइया विविहेहि अण्णेहि ॥
पाइय-भासा-रइया मरहट्ठय-देसि-वण्णय-णिबद्धा । सुद्धा सयल-कह चिय तावस-जिण-सत्य वाहिल्ला ॥ 12 कोऊहलेण कथइ पर-वयण-वसेण सक्य-णिबद्धा । किंचि अवभंस-कया दाविय-पेसाय-भासिल्ला ।
सव्व-कहा-गुण-जुत्ता सिंगार-मणोहरा सुरइयंगी। सब्व-कलागम-सुहया संकिण्ण-कह ति णायन्या।
एयाण पुण मज्झे एस चिय होइ एत्थ रमणिय । सम्व-भणिईण सारो जेण इमा तेण तं भणिमो॥ 188 ) पुणो सा वि तिविहा । तं जहा । धम्म-कहा, अत्य-कहा, काम-कहा। पुणो सब्व-लक्खणा संपाइय-तिवग्या.15 संकिण्ण त्ति । ता एसा धम्म-कहा वि होऊण कामत्थ-संभवे संकिण्णत्तर्ण पत्ता ।
ता पसियह मह सुयणा खण-मेत देह ताव कणं तु । अब्भत्थिया य सुयणा अवि जीयं देंतिं सुयणाण ॥ मण्ण च । 18 सालंकारा सुहया ललिय-पया मउय-मंजु-संलावा । सहियाण देइ हरिसं उध्वूढा णव-बहू चेव ॥
18 सुकइ-कहा-हय-हिययाण तुम्ह जइ वि हु ण लग्गए एसा । पोढा-रयाओ तह वि हु कुणइ विसेसं पव-वहु व ॥ अण्ण च। णजइ धम्माधम्म कजाकज हियं अणहियं च । सुन्वइ सुपुरिस-चरिय तेण इमा जुज्जए.सोउं ॥
६९) सा उण धम्गकहा जाणा-विह-जीव-परिणाम-भाव-विभावणथं सब्बोवाय-णिउ गेहिं जिगवीरं देहि चलम्बिहा 1 भणिया । तं जहा । अक्खेवणी, विक्खेवणी, संवेग-जणणी, णिव्वेय-जणणि त्ति । तत्थ अक्खेवणी सणोणुकूलन, विस्खेत्रणी मणो-पडिकूला, संवेग-जणणी णाणुप्पत्ति-कारण, णिव्येय-जणणी उण वेरग्गुष्पत्ती । भणियं च गुरुमा सुहम्म-सामिणा । 24 अक्खेवणि अक्खिता पुरिसा विक्खेवणीऍ विक्खित्ता । संवेग़णि संविरगा गिविण्णा तह चउत्थीए ॥
24 जहा तेण केवलिणा अरण पविसिऊण पंच-चोर-सयाई रास-णचण-च्छलेण महा-मोह-गहनाहियाई अस्विविवश इमाए चच्चरीए संबोहियाई । अवि य.। 7 संबुज्झह किं ण बुज्झह एत्तिए वि मा. किंचि मुज्झह । कीरड जं करियव्ययं पुण दुका तं मरियम्बयं ॥ इति धुवनं। १
कसिण-कमल-दल-लोयण-चल-रेहंतओ। पीण-पिहुल-थण-कडियल भार-किलंतो ।
ताल-चलिर-वलयावलि-कलयल-सइओ । रासयम्मि जइ लब्भह जुबई-सत्यमो ॥ 80 संबुज्झह किंण बुज्झह । पुणो धुवयं ति । तो अक्खित्ता।
30 असुइ-मुक्त-मल-रुहिर-पवाह-विरूवर्य । वंत-पित्त-दुग्गंधि-सहाब-विलीणय ।।
1) जेहिं, P न, J जडिअ, 'सेणो. 2) P को न बंधए, ' सुअणो, सवर'. 3) अन्ने, गरुअचिन्तिअमईआ; P अहिमाण, संकवियणे. 4) बद्धे, P नत्थि जयंमि कहावि, 3 कविवि चुकं, कहाबद्धो8) puts numbers atter each kahi, Jखण्ट", P वरकहिय, कहिअ त्ति. 6)P एयाउ सवाउ एत्थ, एआण P पयाण,P सकिन्न, Pत्ति व नायब्वा ॥छ।।. 7)P कत्थय (in both the places), P• वयणेहि, P -दियएहिं ।, adds कत्थइ उहावेहिं on the margin in a later hand [उलालेहिं ], P कुलए हिं निम्मविआ. 8) Pरइआ, दुवतीहिं, Pतियलिय, भिन्न. 9) ण्डय (१), नाराय, J. चित्तेहि वित्तेहिं. 10) Pासिएहिं, J अणेहिं । अन्नहिं. 11) पायय, P-चण्णयणिबद्धा, पाहिला. 12) P निबद्धा, कआ, दो विय. 13)P कलागुण, इअंगी, P संकिन्न, P नायब्वा, भणिमो॥छ ।. 15) संपाडिअ P-संपाईय. 16) कामअस्थ, संकिन्न'. 17) पसिय महह सुअणा P पसियह महासुयणा, P देसु, कण्ण त्ति P कनं तु, सुमणा, जीवं. देन्ति सुअणाण, P अन्नं. 18) मउअ, P मंजुर लावा; P नव, येव for चेव. 19) सुकय, P जय विहुन लग्गए, पोड:
नव, P अन्नं. 20) P नजइ, J धम्माहम्मं, हि "हिअं. 21) P सो उण, P नाणा, P विभावणसम्बो, जेण'. 22) भगिआ, संवेयणी, उणिवेयणी।, P निव्वेय, Pमणाणुकूला 23) संवेय, P जण उण, I भणिअं, P सुहंमः 24)" विक्खेवणीय किक्खेवणीए, : निम्विन्ना, संजमइ त्ति for तह etc. 25) 3 अरणं पइसि', अरनं, R नश्वणछलेण,
हिआई, P मोहग्गग्गहि. 26 Pहियाणि. 27) JP किण्ण, I एत्तिल्लए, P बुक्कड, मरिअ' 28)- लोयण वकारहंतमो, "पिडुलघणकहियल, कडिअल; किरंतओ. 29) चलिर, P बयलावलि, P रासयंमि, जुअतीसत्थओ. 30) IP किण्ण, Jom. ति, ततो for तमो.311) मंस for वंत, P पित्तं ,P विरूवयं ।।
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