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उज्जोयणसूरिविरद्दया
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1 ऊसवाई, परिहरियाई लज्जणाई, उप्फुसियाई च विदाई | इमम्मि य एरिसे काले सो बंभणो सोम- बहुभो थोवूण- 1 सोलस वरिसो जाओ । अनि य ।
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3 सोइ यच-परए उस उचिट्ट मलय-पिहाए । लोएण उपहसिनइ किर एसो बंभणो नासि ॥
सिजेस्स व दिवमाणस्स सिरिजमाणस्स जोन्वण-वास-माणस्स एरिस पिये विषयो जाओ। अवि य । अहो,
२०३) तो एवं
6 arat काम जसो य लोयम्मि होंति पुरिसत्था । चत्तारि तिष्णि दोण्णि व एक्को वा कस्सइ जणस्स ॥ वा वाणात्र धम्मो दूरेण चैष मज्जा वोलीणो । अगणिय-कलाको गम्मागम्मष्फलो जेण ॥ अत्यो वि दुरो चिप णत्थि महं सुणय-सउण-सरिसस्स प्यूरोवर-भरनेक-कायरो जेण तहियहं ॥
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कामो दूरओ चित्र परिहरद्द व मह ण एत्थ संदेहो संय-ज-जिंदल मंगुलो व विट्टो व भीसणो ॥ यह चिंतेम जसो मे तत्थ विजय पेलिए अयसेण गिय-जोणी करडयाने पिच णिम्मिनो मह्यं ॥ ता हो विरामी इमिणा जीएण दुख-पढरेण जण निवह-निंदणा-सहुइएण एवं असारेण ॥ 12 ता किं परिययामि जीवियं अहवा ण जुचे इमे ण व काळण तीरइ दु सु एवं ता इमे पुण पत्त-काल अविव ।
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21 बहुसो मय हा पाणिण वेवारिये महिस-जुई उप्पल-गुणाल-रहिए सरम्मि पनि पाणियं पियइ ॥
जन्य पहिचान सत्योपासन्धो दुसह गिम्द-मज्झ सयल-जण-कामगिया कलस-पण्णाभोव दिग्ण-सोही
पण माण-विष्यमुक्का मुणिय-परा जगम्मि जे पुरिसा ताण सर विएसो वर्ण व लोए ण संदेहो ॥
संपत्तो
ता सव्वा विसो मम सरणं तिचं तिक्खणं चेय मायंदी-पुरवरीए चडिलोय दक्तिण-पि 10 दिसाभो । तभो कमेण य अणवरय-पवाणएहिं कुछ-मे-संबलो अकिंचनो भिक्खा-चित्ती महा-गुणिवरो विय चचमाणो 18 सहर-परंत-पट्टि महाविंशादहं जा उण कसिवा उद्दाम-रच-पीय लोहिय-मुह महालास संकुल, वाणरकार-राव-विभमाण-भीसणा, देवेहिं जलंघिय पायया बहु-मय-सय-खजमाण-मयव-आग साहाकिया, सप्यायार18 सिहरा काउरि जसिया जीए अजेयइ भीसणई सावय-कुलई जाह नाम विन जति सम्मि व महावय 18 मम्मि सो भो जसोमो एमाई गंतुं पयतो तस्मि व पचमाणस्स को उण कालो बडिं पयतो अविव । धम-धम- धर्मेत-पवणो सल- हल-हीरंत सुक्क- पत्तालो । धग धग धगेत-जलणो सिलि सिलि-णव- पल्लवुब्मेमो ॥
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अवरण्डे वि ण मुंह तोय-पया-भंडवं सिसिरं ॥ दहूण पर्व पहिया दद्दयं पिवणिवा होति ॥
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24 तभो तम्मि तारिसे सयल-जय-जंतु संताव-कारए गिम्ह-मज्झन्ह- समए सो बभसोमो तम्मि भीमे वर्णतराले वट्टमाणो 24 खुदा-खाम वयोव पण्टु मग्गो दिसा-विमूढो सिंप-वग्ध-भय- पेजिरो तहार बाहिरं पयतो सनो चितिवं तेण । 'अहो महंती मह तन्हा ता कर उन पाणियं पावेष' ति चिंतयेतो मग पयतो जान दिट्टो एम्म पसे बहुल-पत्तल27 सिमित वणाभोज चलिनो य दिसं जाव सुनो इंस-सारस-चढवायाणं महंतो कोलाहल सोठण उस-27 सि पिच हियपूर्ण जीविये पित्र जीविए अहिय-जाय-दरिसो तो संपतो तं पएस दिई च तेन सरवरं तं च केरिसं अवि य । वियसंत- कुवलउप्पल-परिमल - संमिलिय- भमिर भमरउलं । भमरउल-बहल-हलबोल - वाउलिज्जत-सयवत्तं ॥ सयवत्त- पत्त- णिक्खित्त-पुंजइज्जत-कंत-मयरंदं । मयरंद-चंद - णीसंद-मिलिय-महु-बिंदु- बोंगिलं ॥
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§ २०४) तओ कुमार, सो बंभ सोमो ता एरिसं दट्ठूण महासरवरं पत्तं जं पावियन्वं ति ओइण्णो मज्जिभो 33 जहिच्छं, पीयं पाणियं, आसाइयाई मुणाल-खंडाई । उत्तिणो सरं । उववणम्मि छुहा-भर- किलंतो य मग्गिउं पयतो 33
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1 ) P उप्पुसियाई व चेयणाई, Pom. य, बंभसोम, Pom. थोवूण. 3) P वचहरए. 4 ) P जणेणं निवदिनमागरस जीवनोन्दणवस्नागरस. 5)" 5 ) Pom. अहो. 6 ) P मोक्खो for जसो, P य for व. 7) P फलो. 8 ) P नहि for णत्थि 9 ) परिहरइ त्ति णत्थि संदेहो, P मर for मह, वि for य. 10) विजस for वि जय, P करकटयथाणु. 11) हे for हो, जीवेण. 12 ) Jom य, P पुत्तकालं, 13 ) धणिय for मुणिय. 14 ) क्खिओ. 15) दिसाभागं, P अणन्वरयपयाणेहिं, कुच्छी.. 16 adds अवि य before उद्दाम 17 ) for उकार 'बुक्कार, P वियज्झामाणभासणा, पयावा for पायवा, P आउल एंगमाला, P सपायार. 18) J लंकाउरिजइसिय जीअ य अणेय भीसणई, P सावणयं जाह, P महाडइमज्झमि 19 ) J सो वम्हसोमो, P एक्काकी. 20) Pom. one धम, P सिलेंतनव. 21 ) १ नय for णवि. 22 ) पासंतो for पासत्थो, घोअ for तोय. 24 ) कारये, वट्टमाणे P वट्टमाणा 26 ) P महा तण्हा, P om. ति P पत्तसिद्धिो- 27 तं दिसं, P इंसं, Pom. ऊससियं to जीविविएणं. 28) Jo. अहियजायहरिसो, Pom. तओ, P पत्तो for संपत्तो. 29 ) Padds, after अवि य, वसंत कुबल परिमलसंदिट्ठे च तेण सरवरं । तं च केरिसं । अवि य and then again वियसंत etc. 30 J कुवलयुप्पल, P सयपतं. (31) बहु for महु, P बोगिलं. 32 ) P - सोमो तारिसं, P मज्जिदं. 33 ) P पीयपाणियं, सर्गि
आसाइअ तडवडम्मि for
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