________________
1
3
6
9
12
15
18
21
24
27
30
33
उज्जोयस रिविरइया
वसीयलो ण उण्हो ण य फरुसो पेय कोमलप्फरियो गुरु-ल-सिमिन्द्र-भावे वह देहम्मि कम्मेण ॥ य अंबिलोण महुरो ण य तित्तो कडु कसाय लवणो व्व । दुरही सुगंध-भावं वञ्चइ देहस्स मज्झ-गभो ॥ यसो पो अच्छ देहस्स मज्झयारम्मिन व होइ सम्बन्यायी अंगुह-समो वि व ण होइ ॥ णिय-कम्म- गहिय-पोग्गल - देह-पमाणो परोप्पराणुगओ । णह दंत-केस- वज्जो सेस सरीरम्मि अवि भावो ॥ जकिर तिले अदवा कुसुमम्मि दोह सोर अण्णोष्णाणुरायं चिय एवं चिय देह-जीवाणं ॥ जाहलाइ रेणू अलक्खिनो चेय राहोस- सिमि जीवे कम्मं तह धेय ॥ जयंते जीवच देपि जन्थ सो जाइ तह मुवि कम्मं वच जीवस्स रिसाए ॥
1
९८
जह मोरो उड्डीणो वच्चइ घेत्तुं कलाव-पन्भारं । तह वच्चइ जीवो वि हु कम्म-कलावेण परियरिओ ॥ जद कोइ इयर पुरियो स च तं भुंजे वह जीवो व सर्व चिप कार्ड कम्म सर्प भुंजे ॥ जह विष्णम्मि सरे गुंजा वायाको भमेज हो वह संसार-समुदे कम्माइदो भमद जीवो ॥ जह बच्चड़ को वि नरो नीइरिडं जर घराउ णवयम्मि तह जीवो चणं जर देई जाइ देहम्मि ॥ जहर मण-सुगृहिवं पि अंत-फुरंत निलं। इस कम्प-रासि गूढो जीवो वि हुजान किंचि ॥ जह दीवो वर-भवणं मुंगं पिहूदीहरं पि दीने महष-पु-छूढो तत्तिय मेतं पयासेइ ॥ तह जीवो - समुसिये पि देई जगह सजीवं पुण कुंधु-देदोवत्तियमेतेण संतुट्टो ॥ जद गयणयले पण पचतो णेय दीसह जमेण तद जीवो बि भमंदो णवणेहि ण चेप्प भवम्मि ॥ जह किर घरम्मि दारेण पविसमाणो निरंभई वाऊ जी घरे भईदिय दाराई पायस्स ॥ जहद तक जाला मालाउलेण जलणेणं। वह जीवस्स विद कम्मर झान-जोन ॥ वीकुराण व जहा कारण-कलाई य जति इव जीव-कम्मवाणसिह भावो -कालम् ॥ जद्द - पत्थरम्मि सम उप्पण्णम्मि जलण जोएहिं । डहिऊण पत्थर-मलं कीरइ अह णिम्मलं कणयं ॥ तह जीव-कम्मवार्थ अनाइ-कालम्मि झाण- जोएण णिजरिय कम्म-किट्टो जीवो कीरए विमलो ॥ अमिलो मनी झर जलं द-किरण- जोपुण तह जीवो कम्म-मलं मुंबई लक्षण सम्म ॥ जद सूरमणी जल मुंबइ सूरेण तावओो संतो वह जीवो विदु णाणं पावह तब सोसिवप्पाणो ॥ जह पंक-लेव-रहिओ जलोवरिं ठाइ लाउओ सहसा । तह सयल-कम्म-मुक्को लोगग्गे ठाइ जीवो वि ॥ इय जीव-बंध- मोक्खो भासव- णिज्जरण- संवरे सब्वे । केवलणाणीहिँ पुरा भणिए सब्वेहि वि जिणेहिं ॥ एवं च देवाणुपिया ।
I
1
लोयग्मि के वि सत्ता सिउम्मा हम्म आसत्ता | मरिण जति णस्वं दुक्ख-सथावत-परम्मि ॥ णाणावरदपूर्ण कम्मेण मोहणीय-वडरे । यसट्टा अपने मरिक थावरा होति ॥
मय- लोह-मोह-नाया- कसाय-वसओ जिओ अयाणंतो । मरिऊण होइ तिरिओ णरय-सरिच्छासु वियणासु ॥ कोइ दो देवो विमाण-वासी य वंतरो भो । अण्णो भवन-निवासी जोइसिनो चैव तह दोह ॥ मारंभ सर्व च चरिऊण जिराणाए । कोइ तहिं चिय जीवो तियादो होइ सम्मम्मि ॥ अण्णे गणहर-देवा आयरिया चेव होंति अण्णे वि । सम्मत णाण-चरणे जीवा अण्णे वि पावंति ॥ सयल - जय-जीव - वित्थर-भत्ति-भरोणमिय-संधुयप्पाणो । भव्य कुमुयाण ससिणो होंति जिनिंदा वि के वि जिया ॥ अण्णे मोहावत्तं दुह-सय-जल-वीइ-भंगुर-तरंग । तरिऊण भव-समुद्दे जोवा सिद्धिं पि पार्वति ॥ तम्हा करे तुब्भे तव संजम णाण- दंसणेसु मणं । कम्म-कलंक- विमुक्का सिद्धि-पुरं जेण पावेह ॥
[8 १७९
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
1
8
6
12
15
18
21
J
P भइ for भ्रमइ.
J वड, १ य 2) सुगंध 3) P वि for व नवि for विग 4) परोष्यणुओ केशो से सरीरंगि, भामो P P केसविज्जो 5 ) P कुसुमेसु देइ सोरंमं, P एयं चिय जीव देवाण- 6 ) P सिद्धिो, P अलक्खेओ, P समिद्धे. 7) जायर, पिजिकम्मं. 8 ) Pकलावभारं पि, य for.हु, विहु विहिकम्मकलावपरि° 9 ) Jरद्धेऊ P रंधेसंऊणं. 10 P हडो, 11 ) कोइ परो, नवयंति, P नवतंमि ज किं चि जह दीवो चऊरुणं जह देई. 12 ) P रयणमयणसुगृहियंमि, P रासिमूढो, P'विन याणएइ, Pom. किंनि ॥ जह दीपा etc. to पि देहं जणेइ. 15 ) J जीवो for दीवो. 16 ) P दारे पविस्समाणो, P बाओ. 17 ) P ज्झाणजोगेण 18 ) P बीयंकुराव जाव हा कारण. 19 ) धाउ धाओ, पत्थरंमी, उप्पण्णं पि. 20 ) P अणावि काले वि ज्झाणजोगेहिं, P जीवो अह कीरह अह निम्मलं कणयं, P repeats तह जीवकम्मयाणं etc. to अह कीरए विमलो. J जह for अह, सरइ for झरइ, P किरणसंगेण. 22 ) P नाणं पवई तह सोसि 23 ) P पंकिलेव, P जालोवरिगइलाउओ, P कम for कम्म. 24 ) Padds after इय, मि for वि. 26 ) विसयुन्मत्ता, P सहमि for वहम्मि. 28 ) P repeats मोह, P होति for होइ. 29 ) P चैव तव होया 30 ) P मार्ग निसुंमिऊणं, कोवि तहि. 31) Pinter होति & चेव. 32 ) " संठुयप्पाणो, P व for वि ( first ). 33 ) पाविंति 34 ) P तुम्हा for तम्हा, सिद्धिपुर, P पाविहिति for पावेह.
21)
J
24
27
30
33
www.jainelibrary.org.