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जोयणविरहया
'जइ थोव-कम्मयाए अण्ण-भवे होज्ज अइसको तुज्झ । ता जत्थ ठिया तत्थ तए संमत्तं अम्ह दायब्वं ॥ पुष् टि एवं अन् सिणेहोववार पक्लेहिं सुविहिय तं परिबल इच्छा-कारेण साहूणं ॥'
8 णिवडिया भणमाणा पाएसु । भणियं च चंडसोमेणं ।
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पंचिदियम्च सन्णी ता पडिवणं ण मण्णत्य ॥'
तत्थ तेणावि 'तह' ति परिवर्ण तो रोहिं चहिं मि
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'जइ दोन भइसको मे तुम्हे वि य होज मणुय-सोगमि रामो तेहिमि चहिमि जहिं भणिनो माणभडो 'इमं चेय' 8 भणिनो मायाइयो । तेणावि 'इथे' ति परिभणियं तनो लोहदेवो, पुणो मोहदत्तो ति एवं अवरोप्यर-कय-समय- संके सम्म संभवय मन्गिरा अच्छिते पयत्ता पूर्व च पचन-किरिया ---वाणं च ताणं वच कालो। किंतु सोसोमो देस सभा व कहिंचि कारणंतरे कोवण्य-सहायो, मायाइयो वि मणयं माया-णियदि कुलि-हियो । 9 सेसा उण परिभग्ग कसाय पसरा पव्वज्जमणुपार्लेति । कालेण य सो लोभदेवो णिययाउयं पालिऊण कय-संलेहणा-कम्मो णाण- 8 दंसण- चार-तवाराहणार चउधार व पाण-परिवार्य काऊन तप्याभोग- परिणाम-परिणय- पुण्य-वद-देव-नाम-गोसो मरिऊण सोहम्मे कप्पे उवगओ ।
(१७१ ) जं च केरिसं । अवि य ।
निम्मल-रण-विणिनिमय-तुंग-विमाणोह-रुद्र-गयणवई । रम्म मणिकूड र सिरि-मंदणवणं व ॥
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कर्हिचि सुर- कामिणी- गीय-मणहरं, कहिंचि रयण-रासि-पज्जलिउज्जलं, कहिंचि वीणा-रव-सुव्वमाणुकलयं, कहिंचि तार10 मुक्ताफल, कहिंचि मणि-को हिमुच्छलंय- माणिक, कहिंचि फालि-मणि-विरइय-अस्थादर्थ कर्हिचि पोमराय- 18 मणि- विवि-तामरसे, कर्हिचि] वियरंत-सुरसुंदरी-मेटर- स्वारावियं, कहिंचि मुउम्मच सुर- कुमारफोडण मुख्यमान- परिये, कर्हिचितादिय- मुख्य-रच-रविअंतयं कहिंचि तिवस-विया-वण-विप्यमान- सुर-कुसुम-रवं कर्हिचि] संचरंत-वजदेव18 विज्जोइयं, कहिंचि सुर- जुवाण-मुक्क-सीह णाय-गभिणं, कहिंचि सुर- पेक्खणालोवमाण-ब -बद्ध-कलयलं, कहिंचि चलमाण- 18 वज्जहर - जयजया - सद्द-सुव्वमाण- पडिरवं, कहिंचि सुर- पायव-कुसुमामोय- णिम्महंत गंधयं, कहिंचि दिग्व-थुइ थुब्वमाण-जिणवरं, कहिंचि पवण- पसर- वियरंत पारियाय- कुसुम-मंजरी - रेणु-उद्धुब्वमाण-दिसिवहं ति । अवि य ।
जं जं णराण सोक्खं सोक्खट्ठाणं व सुब्बइ जणम्मि । तं तं भगति सगं जं सगं तत्थ किं भणिमो ॥ एयम्मि एरिसे इयर - जण-वयण- गोयराईए सुइ- सुहए सग्ग-नगर-पुरवरे अस्थि पउमं णाम वर-विमाणं । $ १७२) तं च केरिसं । अवि य ।
वर-पोमराय - निम्मल-रण-मऊदोसरंत-तम-विरं वर-मोबाइल-माला-वल-ऊलं ॥ पवणुद्रय-य-यव- किंकिणि माला-रत-सदार्थ वर-वेजति-पंती रेहिर-वर-मुंग-सिहरा ॥ मणि-योमराय वडिये वियसिय-योमं व पोम सच्छायं पठन-वण-संड-कलियं परम-सणाई पर-विमाने ॥ जाल-मालारिं परियरिये ॥ केप्पल दल सण-वरं कोमियम ॥
सम्म य परमसणाने विमाण-मम्मि फलिह-निम्मवियं सलमान मोतिनो वर-वध-पायें मरगय-मणि-वि-पावीढं तस्स य उवरिं रेहइ तणु-लहु-मउयं सुवित्थयं रम्मं । गयणयलं पिव सुहुमं सुइ-सुहयं किं पि देवगं ॥ तस्य उवरिं अण्णं च पिडुले पलंबर से किंपिं देव-दूस खीर-समुदस्स पुलिगं च ॥ अह ताण दोन्ह विवरे आणिजइ कास-कुसुम-मउययरे । देवाणुपुव्वि- रज्जूं-कड्डिजंतो बइलो व्व ॥
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कम्मय-तेजोभव- सरीर-सेसो खर्ण अणाहारो संपतो एकेर्ण समपुर्ण लोहदेव जिओ ॥
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तत्थ य संपत्तो चिय गेण्हइ वर- कुसुम - रेणु- सरिसाई । वेउब्व-पोग्गलाई अगुरु लहु-सुरहि-मउयाई ॥ जद तेल-मा-पत्तो पूयलओ मेण्डर उसे तेलं पुण मीसो पुण मुंचद एवं जीवो विवाणाहि ॥
[६ १७०
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1 ) P कंमताए, JP जत्थडिया. 2) द्विईए P -द्वितीए 3 ) P adds य before भणमाणा. 4 ) तुम्मे, मवलोमि 5) केहि चहिं जिहिं ता for तो चि 6 ) J इच्छंति P इच्छियं, P om. समयP "भुए, J यच्छिउं, P adds च after ताणं. 8 ) P सहावेणं. मन्भुवया पार्लेति, लोहदेवो 10 चरितआराहणार चउखंधाए, for व. 14) विश् नवजो
9 ) P पसाय for कसाय, प्पसरा, P पब्वज्जतप्पओग्ग, P वट्ट for बद्ध. 13 ) Pकुड्डु for कूड, च 15) P मुताइलु', P कोट्ठिमुज्ज घिप्पमाण सुरकुमारयं कुसुमायं, J 19 ) Pom. थुइ. 20 P रेणुरयब्ब Jom.. 21> 22 > गोयराई। तो सुइसुहए णियरा पुरवरे, 3 om. वर. 24 ) मउहों 25 ) P पवणवमुद्धुयधय', P रसंत for रणंत, तुरंग for तुंग. 26 ) P पोमवण, पउमसणामं P पोमसगाई 27 ) P पोमसणामे, इलिह for फलिह,
कामिणि, P पज्जलियउज्जलं, J सुव्यमाण कंठुलयं P सुव्वमाणु कंडुलं. 16 ) P उराराव, कुमारफोडण. 17 ) P तालियसुरय, P 18) सुपेणापाणल
P मि for व.
P मोत्ति उज्जलजाला. 28 written after that ), मऊया. 34 ) P पूलइओ,
अणुफल P कक्केयणउप्पउप्पलद लसयण. 29 ) P सुवित्थरं (in र is soured and अ मिव for पिव, P सुइ सुदुमं 31 ) पुब्विरज्जुं P पुरज्जू 32 ) P सरीस for सरीर. 33 ) P एयं, P विजाणाहिं ॥ अखह
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