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(सुखी होने का उपाय भाग - ५
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नयज्ञान स्वसंवेदन की प्रत्यक्षता, परोक्षता एवं मुख्यता नयज्ञान की परिभाषा प्रमाणज्ञान का विषय नयज्ञान के भेद द्रव्यार्थिक पर्यायार्थिक नय का प्रयोजन निश्चय-व्यवहारनय का प्रयोजन द्रव्यार्थिक-पर्यायार्थिक एवं निश्चय-व्यवहारनय में अन्तर नित्यानित्यात्मक आत्मवस्तु का स्वभाव
आत्मानुभूतिरूपी प्रयोजनसिद्धि में हेय-उपादेयता निश्चयनय भूतार्थ एवं व्यवहार अभूतार्थ बताने का प्रयोजन व्यवहार नय अभूतार्थ ही है तो उसका उपदेश क्यों? अनेकांत व स्याद्वाद की मोक्षमार्ग में उपयोगिता समझने एवं प्रयोग में अनेकांत की अनिवार्यता समझने में अनेकान्त की उपयोगिता किस प्रकार ? आत्मोपलब्धि में उपयोगिता किस प्रकार ? स्याद्वाद की उपयोगिता
ज्ञान-ज्ञेय एवं भेद-विज्ञान समझने की पद्धति का उद्देश्य, ध्येय और तात्पर्य आदि समझने का उद्देश्य क्या ? भटकन समाप्त करने का श्रेय मात्र जिनवाणी पर अटूट श्रद्धा आत्मलाभ का मूल आधार भेद विज्ञान भेद विज्ञान भेद विज्ञान का मूल आधार भेदविज्ञान की असफलता का कारण अपने यथार्थ स्वरूप की पहचान आत्मस्वरूप को खोजने की विधि भगवान अरहंत की आत्मा ही आदर्श क्यों ? अपना स्वरूप समझने के लिए भगवान सिद्ध की आत्मा आदर्श कैसे भगवान सिद्ध की पर्याय के द्वारा आत्मा के स्वभाव का परिचय भगवान सिद्ध की पर्याय अनंतचतुष्टयरूप
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