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________________ १२४) ( सुखी होने का उपाय भाग-३ उपर्युक्त आधार पर फलित होता है कि मेरी आत्मा में भी राग द्वेष वाली पर्याय के साथ ही, उसी समय अन्य अनन्त गुणों की पर्यायें भी उत्पन्न हो रही हैं। रागादि वाली पर्याय तो मात्र चारित्र गुण की एक समयवर्ती संयोगी पर्याय है। वह पर्याय, सारे द्रव्य को कैसे विकारी कर सकती है? उसी समय बाकी रहे अनंत गुण भी कार्य कर रहे हैं जो विकारी हुए ही नहीं, उनको याद भी नहीं करते और न उनके कार्यों को ही देखते हैं। यह तो हमारी देखने की दृष्टि का दोष है। अगर आत्मा ही विकारी हो गया होता तो क्रोध के अभाव के साथ आत्मा का भी अभाव हो जाता? लेकिन क्रोध तो पर्याय में था और पर्याय के व्यय के साथ ही, उसका भी व्यय हो जाता है, फिर भी आत्मा का नाश नहीं होता? इससे सिद्ध है कि पर्याय के विकार से आत्मा विकारी नहीं हो जाता । ऐसा विकार मेरे आत्मा को विकारी कैसे कर सकेगा ? दूसरी दृष्टि से विचार करें तो जिस समय रागादि आत्मा में उत्पन्न होते हैं, उसी समय उनको जानती हुई ज्ञान पर्याय भी उत्पन्न होती है। दोनों के उत्पादन का स्थान आत्मा के असंख्य प्रदेश तथा काल भी एक ही है, मात्र भावों में अन्तर है। ज्ञान का भाव जानना है और चारित्र का रागादि है । अत: एक ही द्रव्य में एक समय दो गुणों की पर्यायें एक साथ उत्पन्न होने पर भी, अज्ञानी को तो क्रोध की पर्याय ही दिखती है। उस पर्याय जितना ही आत्मा को मान लेता है। लेकिन ज्ञानी को तो ज्ञान की पर्याय का उत्पाद दिखता है। अत: आत्मा को ज्ञायक मानता है। अज्ञानी ने आत्मा का स्वभाव कभी समझा ही नहीं। आत्मा का स्वभाव तो जानना है, वह अनादि अनंत आत्मा के साथ रहता है। अगर उसी तरह क्रोधादि भी स्वभाव होता तो आत्मा के साथ रहना चाहिए था? लेकिन उसका तो अभाव हो जाता है, फिर भी उसका ज्ञान तो लंबे काल तक बना रहता है। क्रोध की उत्पत्ति के समय आकुलता होती है। लेकिन स्मृति में आने पर, क्रोध का ज्ञान तो आता है, फिर भी ज्ञान के साथ क्रोध नहीं आता। अत: सिद्ध है कि ज्ञान तो आत्मा का स्वभाव है For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.001864
Book TitleSukhi Hone ka Upay Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Patni
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year2000
Total Pages136
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Sermon, & philosophy
File Size8 MB
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