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समानत: विभाजित की जावे। इस प्रकार ज्येष्ठ पुत्र, और भाइयों के समान भाग पायगा और उनसे कुछ अधिक ज्येष्ठांसी के उपलक्ष में भी पावेगा ( २२ ) । यदि अन्य भाई वयः प्राप्त नहीं हैं तो वे बड़े भाई की संरक्षकता में रहेंगे और उनकी सम्पत्ति की देखभाल और सुव्यवस्था का भार भी ज्येष्ठ भाई पर होगा ( २३ ) । बाबा की सम्पत्ति सब भाइयों में बराबर बराबर बँटनी चाहिए ( २४ ) । बाबा की सम्पत्ति का भाग पीढ़ियों की अपेक्षा से होगा, भावार्थ पुत्रों की गणना पौत्र अपने अपने पिताओं के भाग को समानरूपेण
के अनुसार । बाँटेंगे (२५) ।
यदि कोई मनुष्य विभाग के पश्चात् मर जाय और कोई अधिक करीबी - वारिस न छोड़े तो उसका हिस्सा उसके भाई भतीजे पावेंगे ( २५ अ ) ।
यदि विभक्त हो जाने के पश्चात् पुनः सब भाई एकत्र हो जावें और फिर विभाजित हों तो उस समय ज्येष्ठांसी का हक़ नहीं माना जायगा ( २६ ) ।
यदि दो पुत्र एक समय उत्पन्न हुए हों तो उनमें से जो प्रथम उत्पन्न हुआ है वही ज्येष्ठ समझा जायगा ( २७ ) | यदि प्रथमोत्पन्न पुत्री हो तत्पश्चात् पुत्र हुआ हो तो पुत्र ही ज्येष्ठ माना जायगा ( २८ ) ।
( २२ ) भद्र० १७ ।
( २३ ) श्र० २१ ।
( २४ ) इन्द्र० २४ । (२५) अह ० ६६ ।
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( २५
) व० नी० ५२, और देखो अह० ६०-६१
( २६ ) भद्र० १०४-१०५ ।
( २७ ) ( २८ )
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२२; श्रर्ह० २६ ।
२३;
३० ।
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