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________________ दशवेकालिक सूत्रम् सावचूरी सच्छायाम् (सतारा ) दशर्वकालिक चूरिंग, जिनदास गणिकृत दसवेयालियसुत्त डा० अर्नेस्ट ल्यूमैन- सम्पादित दसवैकालिकसूत्रम के० वी० अभ्यंकर-सम्पादित ( अहमहाबाद ) fisनियुक्ति क्षमारत्नसूत्रित ( देवचंद लालभाई पुस्तकोद्धार फंड ) श्रीपिंड निर्युक्तिः मलयगिरि की टीका सहित ( देवचंद लालभाई जैन ) पुस्तोकद्वार संस्था, १६१८ ई० ) चुल्लकल्पसूत्र जिनप्रभ सूरि कृत संदेह विषौषधि टीका ( पं. श्रावकहीरालाल हंसराज, जामनगर, सन् १९१३ ) कल्पसूत्र किरणावलि (आत्मानंद जैन सभा, भावनगर, सन् १६२२ ) कल्पसूत्र सुबोधिका टीका ( मुक्ति कमल जैन मोहनमाला कार्यालय बड़ौदा, स. १६५४ ई० ) पवित्र कल्पसूत्र, चूरिंग, निर्युक्ति, टिप्परिण तथा पाठांतर सहित ( साराभाई मणिलाल नवाब, अहमदाबाद ) कल्पसूत्रार्थ प्रबोधिनी राजेन्द्र सूरि कृत ( राजेन्द्र प्रवचन कार्यालय, खुडाला १९३३ ई० ) कल्पसूत्र बंगला अनुवाद डा० वसंतकुमार चट्टोपाध्याय ( कलकत्ता विश्वविद्यालय ) कल्पसूत्र जैकोबी कृत अंग्रेजी अनुवाद ( सेक्रेड बुक्स आव द' ईस्ट, वाल्यूम २२ ) कल्पसूत्र मूल जैकोबी - सम्पादित ( रोमन लिपि में लिपजिग, १८७९ ई० ) 1 - - अष्टाका कल्प सुबोधिका ( गुजराती सम्पादक साराभाई मणिलाल नवाब, सन १९५३ ई० ) अन्य जैन-ग्रन्थ प्रवचन सारोद्धार सटीक २ भाग ( देवचंद लालभाई फंड ) लोकप्रकाश २ भाग भाषांतर सहित ( श्रीमती आगमोदय समिति ) २८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001854
Book TitleTirthankar Mahavira Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayendrasuri
PublisherKashinath Sarak Mumbai
Publication Year1960
Total Pages436
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, History, Story, N000, & N005
File Size20 MB
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