SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 106
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ -मध्यदेश के पूर्व दिशा में कजंगल नामक कस्बा है, उसके बाद बड़े शाल ( के बन) हैं और फिर आगे सीमांत देश। मध्य में सललवती नामक नदी है, उसके आगे सीमान्त (प्रत्यन्त) देश है । दक्षिए दिशा में सेतकणिक नामक कस्बा है, उसके बाद सीमान्त देश है। पश्चिम में थून नामक ब्राह्मणों का गाँव है, उसके बाद सीमान्त देश है। उत्तर दिशा में उशीरध्वज नामक पर्वत है, उसके बाद सीमान्त देश । (') ४-आर्यदेश की यही परिभाषा अन्यत्र भी मिलती है । "मध्य देश की पूर्व दिशा में कजंगल नामक कस्बा है, उसके बाद बड़े शाल" (के वन) हैं, फिर आगे सीमान्त देश । पूर्व-दक्षिण में सललवती नामक नदी है, उसके बाद सीमान्त-देश; दक्षिए दिशा में सेतकणिक नामक कस्बा है, उसके बाद सीमान्त-देश; पश्चिम दिशा में थून नामक ब्राह्मणग्राम है, उसके बाद सीमान्त देश । उत्तर दिशा में उशीरध्वज नामक पर्वत है, उसके बाद सीमान्त देश । इस प्रकार विनय (पिटक) में मध्यदेश. का वर्णन है । (२) ५-बुद्ध के समय में १६ महाजनपद थे, जिनमें निम्नलिखित १४ जनपद मज्झिम देश में आते थे—और शेष दो जनपद गंधार ( 3 ) (जिसकी राजधानी तक्षशिला थी) तथा कम्बोज ( ४ ) उत्तरापथ में पड़ते थे। (५) १-बुद्धच्चा , पृष्ठ १ । २-जातक प्रथम खंड, निदान-कथा, पृष्ठ ११६, ( भदंत आनंद कौसल्यायन का हिन्दी-अनुवाद )। ३-जैन, बौद्ध और हिन्दू सभी साहित्यों में गंधार देशका वर्णन मिलता है और उसे उत्तरापथमें बताया गया है। यह 'विषय' पश्चिमी पंजाब के रावलपिण्डी जिले से लेकर सीमा-प्रान्त के पेशावर जिले तक फैला रहा होगा। गंधार की तीन राजधानियों के वर्णन मिलते है(१) पुष्कलावती (२) तक्षशिला तथा (३) पुरुषपुर. पुष्कलावती की पहचान चारसदा से की जाती है। ('ए गाइड टू स्कल्पचर्स इन इंडियन म्यूजियम' भाग १, पृष्ठ १०४) तक्षशिला वर्तमान टैक्सिला और पुरुषपुर वर्तमान पेशावर हैं। (वही, पृष्ठ १०४) - Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001854
Book TitleTirthankar Mahavira Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayendrasuri
PublisherKashinath Sarak Mumbai
Publication Year1960
Total Pages436
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, History, Story, N000, & N005
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy