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६. गणधरों का परिचय
१०. विषय प्रवेश
-शैली :
शंका का श्राधार
शंका-स्थान
(अ) आत्म- विचारणा
१. प्रस्तित्व
२. श्रात्मा का स्वरूप- चैतन्य
(१) देहात्मवाद-भूतात्मवाद (२) प्राणात्मवाद - इन्द्रियात्म
६१-७०
७०-१६०
(३) मनोमय प्रात्मा
(४) प्रज्ञात्मा, प्रज्ञानात्मा,
(५) प्रानन्दात्मा
(६) पुरुष, चेतन ग्रात्मा
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७५-११८
३. जीव अनेक हैं
(अ) वेदान्तियों के मतभेद
(७) भगवान् बुद्ध का अनात्म
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वाद ८१
८३
विज्ञानात्मा ८४
८६
७२
७४
(१) शंकराचार्य का विवर्तवाद (२) भास्कराचार्य का सत्योपाधि
चिदात्मा ब्रह्म ८७
७५
-७८
(5) दार्शनिकों का ग्रात्मवाद ९४
६४
(8) जैन मत उपसंहार
६५
६५
६६
६६
(३) रामानुजाचार्य का विशिष्टा
७९
वाद ८८
(४) निम्बार्क सम्मत द्वैताद्वैत-भेदा
(५) मध्वाचार्य का भेदवाद (६) विज्ञानभिक्षु का अविभागा
द्वैत
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वाद ६७
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द्वैतवाद ६७
भेदवाद 85 ६८
(७) चैतन्य का अचिन्त्य भेदाभेद
वाद
(८) वल्लभाचार्य का शुद्धाद्वैत
(प्रा) शेवों का मत
४. आत्मा का परिमाण
५. जीवों की नित्यानित्यता (श्र) जैन और मीमांसक (प्रा) सांख्य का कूटस्थवाद (इ) नैयायिक - वैशेषिकों का
(ई) बौद्ध सम्मत अनित्यवाद ( उ ) वेदान्त सम्मत जीव की.
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६. जीव का कर्तृत्व तथा भोक्तृत्व (अ) उपनिषदों का मत
(अ) दार्शनिकों का मत (इ) बौद्ध-मत
(ई) जैन मत
७. जीव का बन्ध श्रौर मोक्ष
(अ) मोक्ष का कारण (आ) बन्ध का कारण (इ) बन्ध क्या है ?
(ई) मोक्ष का स्वरूप
(आ) कर्म- विचार
नित्यवाद १०१ १०२
(उ) मुक्ति-स्थान
(क) जीवन्मुक्ति - विदेहमुक्ति
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परिणामी नित्यता १०२
(१) कर्मविचार का मूल
(२) कालवाद
(३) स्वभाववाद
(४) यदृच्छावाद
(५) नियतिवाद
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मार्ग SE
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(६) अज्ञानवादी
(७) कालादि का समन्वय
१०१
१०१.
१०१
१०२
१०३
१०४.
१०५
१०६
१०७
१०७
१०८
१०९
१.१२.
११६
११७.
११८-१५०:
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१२४
१२४.
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