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तत्त्वानुशासन करना चाहिये । श्वेत वर्ण हमारी आन्तरिक शक्तियों को जागृत करने वाला होता है।
धूसर सहित । श्वेत वर्ण
मस्तिष्क में ज्ञान अरहताणः । : केन्द्र लक्ष्य
बिन्दु
मस्तिष्क में "अर्हत्" का ध्यान धूसर रंग के साथ, श्वेत वर्ण के साथ करें, इससे ज्ञान की सोयी हुई शक्तियाँ जागृत होती हैं, चेतना का जागरण होता है। इसीलिये इस पद की आराधना के साथ ज्ञान केन्द्र और सफेद वर्ण की समायोजना की गई है। स्वास्थ्य के लिये भी यदि कोई ध्यान करना चाहे तो उसे "श्वेत वर्ण" का ध्यान करना चाहिये । श्वेत वर्ण स्वास्थ्य का प्रतोक है।
"णमो सिखाणं" का ध्यान दर्शन केन्द्र में रक्त वर्ण" के साथ किया जाता है। "बालसूर्य सम लालवर्ण" | आत्म साक्षात्कार अन्तष्टि का विकास, अतोन्द्रिय चेतना का विकास इस दर्शन केन्द्र से होता है
णमो सिद्धाणं णमो
णमो मालेसूर्य सम णमो सिदाण
दर्शन केन्द्र
णमो सिद्धाणं मंत्र, लालवर्ण, दर्शन केन्द्र -इन तीनों का समायोजन हमारी आन्तरिक दृष्टि को जागृत करने का अनुपम साधन है, यह एक मार्ग है। किसको कब सिद्धि होती है यह उसी साधना पर निर्भर करता है।
णमो आइरियाणं-मंत्र पद है। इसका रंग "पीला है"। यह रंग हमारे मन को सक्रिय बनाता है। इसका स्थान है विशुद्धि केन्द्र। यह स्थान चन्द्रमा का है। हमारे शरीर में पूरा सौरमण्डल है, सूरज है, चाँद है, बुध है, राहु, केतु, गुरु, शुक्र, शनि सब ग्रह हैं। हस्तरेखा विशेषज्ञ हाथ की रेखाओं के आधार पर नौ ग्रहों का ज्ञान कर लेता है। ललाट विशेषज्ञ
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