SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 245
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १८० जसहरचरिउ कल्लोल-कल्लोल ३. १. ६ कंचुइ-कञ्चक (स्त्रीणामुत्तरीयम्) कवड-कपट ३.१८.६ कंचुइ-कञ्चुकिन् (अन्तःपुरवृद्ध इति टिप्पणम्) प्रधान कवणं-कोऽपि (कः पुनः) ४. ६.३ ३. ४.७ कवल-कवल (ग्रास) १. ९.१० कंचुलिय-कञ्चकविशेष (मराठी-कांचोळी) २.३२.१० कवलिय-कवलित २. २५. १४ कजिअ-काञ्जिक ३. ३१. १ कवाड-कपाट १.५.५ कंटय-कण्टक १.१२.१० कवाल-कपाल (मृद्भाजनखण्ड:) १. ९. ११. कंटयतरु-कण्टकतरु २. २८. ५ [३. ४.८] कंठ-कण्ठ २. ३.३ कवि-कवि १. १८. १० कंड-काण्ड (बाण इत्यर्थः) १. १६. १; ३. ३४. १ कविल-कुक्कुर इति टिप्पणम् २. ३५. १४ कंड-काण्ड (धनुदण्ड इत्यर्थः) १. १२. १२ कविल-कपिल २. ६. १५ कंड-काण्ड (खण्ड) ४. २५. ३ कवोल-कपोल १. ९. ५ कंडू-कण्डू २. १०.७ कवोलवत्त-कपोलपत्र ४. २. १३ कंडूअण-कण्डूयन २. १०.७ कन्त्र-काव्य १. २४. ७ कंडोहिय-मथित इत्यर्थे देशो ( मराठो-कांड-ले लें ) कन्वत्थ-काव्यार्थ १. २३. १० ३. ३. १२ कसण-कृष्ण (वर्णे) १. २२. ३ कंत-कान्त (पतिः) १. १. १ कसमसत्ति-कृश + शक्ति (दुर्बल इत्यर्थः) ३.१४.२ कंत-कान्ता २. २७. ७ कसाय-कषाय ३. १७. ७ कंता-कान्ता २. १. १० कसेरदल-कशेरु + दल २. ३५. ११ कंतार-कान्तार २. २१. २ कह-कथय् (धातु.) १.१.६ कंति-कान्ति १.११. २ कह-कथा १.१.६ कंती-कान्ति १. ५.१ कहकहत-शब्दानुकरणे देशो १.१६.६ कंद-क्रन्द् (धातुः) ३. १३. ३ कहा-कथा १. १.५ कंदअ-कन्द (क) २. २. ३ कहाणअ-कथानक ३.११. १४ कंदप्प-कन्दर्प १. २७. ६ कहिअ-कथित १.१.६ कंदर-कन्दर ३. १६. ३. कहिय-कथित १. २५. ५ कंदल-कन्द + ल (स्वार्थे) १. १७. २१ कह-कथम् २. १७. १८ कंदुल्ल-कन्द + उल्ल (मत्वर्थीयः) २. २७. १० कहि-कुत्र (हिन्दी कहो) १. ५.११ कंदोट्ट-नीलोत्पल इत्यर्थे देशो ४. १७. १३ कहंतर-कथान्तर ४. ४.१ कंप-कम्प् (धातुः) २. ४. १० कंक-कङ्क (पक्षिविशेष:) १.१०. ५ कंपंत-कम्पमान् ३. ७. १३ कंकण-कङ्कण १. २६. २६ कंपंति-कम्पमाना ४. २. १७ कंकाल-काल (शरीरास्थि) १.९.११ कंपिय-कम्पित २. १४. ४ कंकेल्लि-कंकेल्लि (अशोकवृक्षः) २. १२. ३ कंवल-कम्बल ३.१९. ४ कंख-काश् (धातुः) २. २१.८ कंस-कंस (नामविशेषः) ३. २९.८ कंख-काङ्क्षा ४. ८. ११ काउरिस-किम् + पुरुष (निन्द्य इत्यर्थः) २. ८. ६ कंखिर-काङ्क्षा + इर (शीलार्थः) ३. ७.७ काउल-काक १. १०. ६ कंचण-काञ्चन १.२६. २२ काण-काण (अक्षिविकल:) २. १७. ३ कंचा इणि-कात्यायनी (चण्डमारिदेवता) १. ९. १३ काणण-कानन १. २९.११ कंची-काञ्ची ४.१७.१९ काणि-काणी (अक्षिविकला) २. ३६. ६ कंचीकलाव-काञ्चोकलाप ४. २. १८; ४.१७.१९ काणीण-कानीन (कन्यकाजात ) २. १७. ३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001841
Book TitleJasahar Chariu
Original Sutra AuthorPushpadant
AuthorParshuram Lakshman Vaidya, Hiralal Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1972
Total Pages320
LanguageApbhramsa
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy