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२३४-२३६
२३७
२३८ २३६ २४० २४१-२४२ २४३ २४३-२४४ २४४-२४५ २४५
२४५-२४७ २४८-२५०
विषयानुक्रमणिका ] लवण, कालोदधि और स्वयंभूरमण में जलचरों की अवगाहना का प्रमाण
१०८४-१०८८ स्थलचर, गर्भज पर्याप्तक-भोगभूमिज तिर्यंचकों का शरीर-प्रमाण
१०८६-१०६० पृथिवीकायिक आदि जीवों के शरीर की आकृति का वर्णन
१०६१ पंचेन्द्रिय जीवों के संस्थान का वर्णन
१०६२ स्पर्शनादि इन्द्रियों के आकार का वर्णन
१०६३ स्पर्शनादि इन्द्रियों के विषयक्षेत्र का वर्णन
१०६४ चतुरिन्द्रिय जीव की चक्षुरिन्द्रिय का विषयक्षेत्र असंज्ञिपंचेन्द्रिय की चक्षुरिन्द्रिय का विषयक्षेत्र असंज्ञिपंचेन्द्रिय के श्रोत्रेन्द्रिय का विषयक्षेत्र
१०६७ संज्ञिपंचेन्द्रिय की स्पर्शनादि इन्द्रियों के विषयक्षेत्र १०६८ संज्ञिपंचेन्द्रिय की चक्षुरिन्द्रिय का विषयक्षेत्र तथा उसके निकालने की विधि
१०६६-११०० गुणयोनियों के नाम और उनके स्वामी
११०१-११०३ आकार-योनियों के नाम और उनसे उत्पन्न होनेवाले विशिष्ट पुरुष
११०४-११०५ चौरासी लाख योनियों का वर्णन
११०६ एकेन्द्रियादि जीवों की आयु का वर्णन
११०७-१११३ भोगभूमिज मनुष्यों की आयु का वर्णन
१११४-१११५ देव और नारकियों की उत्कृष्ट तथा जघन्य आयु
का वर्णन रत्नप्रभा आदि सात पृथिवियों के नारकियों की उत्कृष्ट आयु का निरूपण
१११७ प्रथमादि पृथिवियों के नारकियों की जघन्य आयु १११८ भवनवासी और व्यन्तरों की उत्कृष्ट आयु का प्रमाण १११६ ज्योतिष्क देव और वैमानिक देवों की जघन्य आयु ११२० वैमानिक देवों की उत्कृष्ट आयू का वर्णन
११२१ सौधर्मादि स्वर्गों की देवियों की उत्कृष्ट आयु का कथन ११२२-११२३ सूर्य-चन्द्रमा आदि ग्रहों की उत्कृष्ट आयु
११२४-११२५ तिर्यंच और मनुष्यों की जघन्य आयु
११२६ संख्यात प्रमाण का वर्णन
११२७ उपमा प्रमाण के भेद
११२८ स्वामी की अपेक्षा योगों का वर्णन
११२६ स्वामी की अपेक्षा वेदों का वर्णन
११३०-११३५
२५०-२५१ २५१-२५२ २५२-२५६ २५६-२५७
२५७-२५८
२५८-२६२ २६२-२६३ २६३ २६३ २६४.२६७ २६८-२६६ २६६-२७० २७०-२७१ २७१-२७५ २७५-२७७ २७७-२७८ २७८-२८१
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