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________________ समयसाधिकारः] [ १७१ दुर्मतिर्दीर्घसंसारं गच्छेदिति ॥१०१३॥ एवंभूतान् जीवान् पातुकामः श्रीगणधरदेवस्तीर्थंकरपरमदेवं पृष्टवानिति, तत्प्रश्नस्वरूपमाह--- कधं चरे कधं चिट्ठे कधमासे कधं सये। कधं भुंजेज्ज भासिज्ज कधं पावं ण वज्झदि ॥१०१४॥ एवं प्रतिपादितक्रमेण जीवनिकायकुले' जगति साधुः कथं केन प्रकारेण चरेद्गच्छेदनुष्ठानं वा कुर्यात् कथं तिष्ठेत् कथमासीत कथं वा शयीत कथं भुजीत कथं भाषेत कथं वदेत कथं पापं न बध्यते केन प्रकारेण पापागमो न स्यादिति ॥१.१४॥ है वह मुनिवेषधारी होकर भी दुर्मति है, अतः दीर्घ संसार में ही भ्रमण करता रहता है । इन पर्यायगत जीवों की रक्षा करने के इच्छुक श्रीगणधर देव ने तीर्थंकर परमदेव से जो प्रश्न किये थे, उन्हीं को यहाँ कहते हैं मावार्थ हे भगवन् ! कैसा आचरण करे, कैसे ठहरे, कैसे बैठे, कैसे सोवे, कैसे भोजन करे एवं किस प्रकार बोले कि जिससे पाप से नहीं बंधे ॥१०१४।। प्राचारवृत्ति-उपर्य क्त प्रतिपादित क्रम से जीवसमूह से व्याप्त इस जगत् में साध किस प्रकार से गमन करे अथवा अनुष्ठान करे ? किस प्रकार से खड़ा हो ? किस प्रकार से बैठे ? किस प्रकार से शयन करे? किस प्रकार से आहार करे तथा किस प्रकार से बोले? जिस प्रकार से पाप का आगमन न हो सो बताइए! १.क. जीवनिकाया कुले। . फलटन से प्रकाशित कृति में वे गाथाएँ अधिक हैं पसद्दहवि जो एवे जोधे उतग्गवे। स गच्छे दिग्घमवाणं लिंगत्थो विहु तुम्मवी ॥ ण सद्दहदि जो एवे जोवे तेउतग्गदे। स गच्छे दिग्धमद्धाणं लिंगत्थो विहु बुम्मदी॥ ण सदहदि जो एवे जीवे वाउतग्गदे । स गच्छे दिग्धमद्धाणं लिंगत्यो विहु दुम्मदी । प सहहदि जो एवं जीवे वणप्फवितग्गवे। स गच्छे विग्धमवाणं लिंगत्यो विहु दुम्मवी। ण सद्दहदि जो एवे जीवे तसतग्गवे। स गच्छे दिग्धमद्धाणं लिंगत्थो विहम्मदी॥ अर्थ-जो जलकायिक, अग्निकायिक, वायुकायिक, वनस्पतिकायिक और त्रसकायिक जीवों का तथा उनके आश्रित जीवों का श्रद्धान नहीं करता है वह दुर्मति मुनि वेषधारी होते हुए भी दीर्घ संसार को प्राप्त करता है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001839
Book TitleMulachar Uttarardha
Original Sutra AuthorVattkeracharya
AuthorGyanmati Mataji
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1999
Total Pages456
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Ethics, Religion, & Principle
File Size10 MB
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