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वीर नि० सं० २४९७ ]
जीवराज जैन ग्रन्थमाला, ग्रन्थ २१
ग्रन्थमाला - संपादक
प्रो० आ० ने० उपाध्ये व प्रो० हीरालाल जैन
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( मुनिचन्द्रविरचित-विद्वन्मनोवल्लभाख्य- व्याख्यानेन गुणनन्दिकृत पञ्जिकया च सहितम् ) हिन्दी अनुवाद, आलोचनात्मक प्रस्तावना व परिशिष्ट आदि सहित
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श्री-वीरनन्दि - विरचितं
चन्द्रप्रभचरितम्
सम्पादक
पं० अमृतलाल शास्त्री, जैनदर्शनाचार्य, साहित्याचार्य, प्रो० जैनदर्शन विभाग, वा० संस्कृत विश्वविद्यालय,
वाराणसी
प्रकाशक
लालचन्द हिराचन्द दोशी जैन संस्कृति संरक्षक संघ सोलापूर
सन् १९७१
मूल्य १६ रु० मात्र
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वि० सं० २०२८
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