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शुभ-आशीर्वाद
जिनकी शुभनिश्रामें द्विशताधिक मुनिवर सिद्धि के शिखर पर पहुंचने के लिए हजारों भव्य जीवों को साधना आराधना करवा रहे है, स्याद्वादं व तर्क मेंजिनकी प्रज्ञा अस्खलित चल रही हैं , जो निकलंक संयम व तप की साक्षात् मूर्ति हैं, जिनके निःस्वार्थ वात्सल्य की वर्षा मेरे जैसे अनेक आत्माओं पर निरन्तर हो रही है, पावरहाउस के पावर की तरह जिनके शुभआशीर्वाद से उपशमनाकरण
टीका ग्रन्थ का प्रकाशन हो रहा है, उन जैन शासन के महाप्रभावक अद्वितीय वर्तमान सुविशालश्रीमद्विजयगच्छाधिपति आचार्यदेव श्रीमद्विजय--
भुवनभानुसूरीश्वरजी महाराजा को
कोटीश वन्दनावली
भवदीय आशीर्वाद से प्रप्लावित प्रशिष्य
गुणरत्नसूरि
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