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अपंण
जिनकी सहज स्नेह-सिक्त चरण सेवा में इस तुच्छ सेवक ने निःश्रेयसाभिमुख गति प्रगति की जिनकी सहज सरल शिक्षा के द्वारा जीवन-क्षेत्र में यथावसर महत्वपूर्ण प्रेरणा मिलती रही, जिनकी मधुर स्मृति, महाकाल के सुदीर्घ प्रवाह में भी सहसा निमज्जित नहीं हो सकती
उन्हीं सद् - गत श्रद्धेय गुरुदेव
श्री प्रतापमल जी महाराज
पुण्य-स्मृति में
सादर सभक्ति
विनीत मुनि कन्हैयालाल "कमल"
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