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________________ गुत्र संख्या विषय गाथाङ्क पृष्ठाडू अकाल प्रवेश के अपवाद १०७८ ११७ अकाल में भिक्षार्थ प्रवेश की विधि १०७६ ४०.४२ अन्यतीर्थी प्रादि के माध भिक्षा ग्रादिके लिए गमन १०८० -११०३ ११८-१२२ ४० अन्यतीर्थी आदि के साथ भिक्षा के लिए जाने का निषेध, तत्सम्बन्धी दोष तथा प्राद १०८०-१०८६ ११८-१२० ४१ अन्यतीर्थी आदि के साथ शौच या स्वाध्याय के लिए जाने का निपेष, तत्सम्बन्धी दोष एवं अपवाद १०६०-१०६५ १२०-१२१ ४२ अन्य तीर्थी अथवा गृहस्थ के साथ विहार करने का निषध, तत्पबन्धो दोष, अपवाद. विधि एवं प्रायश्चित १०६६-११०३ "२१-१२२ ४३ पानक ११०४.-११११ १२२.-१२४ कमले पानी को परठने फेंकने का निरोध, तत्सम्बन्धी दोप तथा अपवाद ११०४-१११० प्रपेय की व्यारा ४४--४५ आहार १११२-११३७ १२५-१३० ४४ अनेक प्रकार के भोजन में से अच्छा- अच्छा खाकर खराब-खराब फेंक देने का निषेध, तत्सम्बन्धी दोप, अावाद ग्रादि १११२-११२१ १२५-१२६ ४५ अधिक आहार में से बचे हुए आहार को बिना अनुज्ञा के फेंकने पर लगने वाले दोप, पियक अपवाद ग्रादि ११२२-११३७ ।। १२६-१३० ४६-४६ सागारिक पिण्डादि ११३८-१२१६ १३०-१४८ ४६-४७ मागारिक पिण्ड का उपभोग करने एवं ग्रहण करने का निव मागारिक की व्याख्या ११३८-११४० १३०-१३१ शय्यातर प्रादि की व्यारूका ११४१-११५० १३१-१३३ पिण्ड के प्रकार, तत्सम्बन्धी दोप, अपवाद, विधि प्रादि ११५१-१२३४ १३१-१४६ ४८ सागारिक के कुल को विना जाने पूछे ग्राहारार्थ प्रवेश करने का निषेध, तत्सम्बन्धी दोष एवं अपवाद १२०५-१२०६ ४६ मागारिक की निश्राय में आहार ग्रहण करने का निषेध १.१०.१२१६ १४७- १४८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001829
Book TitleAgam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Part 02 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Kanhaiyalal Maharaj
PublisherAmar Publications
Publication Year2005
Total Pages498
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_sanstarak
File Size24 MB
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