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त्रिपत्र
अनुनम - अनुयोग की व्याख्या
हस्तकर्म
सूत्र संख्या
१
हस्तकर्म का पदार्थ भिक्षुपद का निक्षेप
हस्त का निक्षेप
कर्म का निक्षेप
द्रव्य कर्म और भावकर्म
विषयानुक्रम प्रथम उद्देशक
हस्तकर्म के भेद
अक्लिट हस्तकर्म के भेद-प्रभेद तथा तत्सम्बन्धी प्रायश्चित्त सिद्धसेन के मतानुसार हस्तकर्म के छेदन आदि भेद
तथा तत्सम्वन्धी प्रायश्चिन
छेदन आदि के अपवादों का स्वरूप
महेतुक और महेतुक संक्लिट हस्तकर्म
मदोष वसति में संविल हस्तकर्म के हेतुओं की परम्परा तथा संयम की रक्षा के लिए गीतार्थ-निधि अपवाद व नद्विपयक प्रायश्चित्त
यतना की स्थिति में भी साधक की मंगम में अस्थिरता
एवं तद्विषयक पानी के प्रचन प्रवाह में पतित वट-पाद का हान्त
मति के बाहर मोहोदय के हेतु
श्रवण, दर्शन, स्मरण आदि से होने वाले मोहोदय का
निग्रह करने के हेतु प्रशस्त भावना एवं यतना बाह्य निमित्त के अभाव में होने वाले तीत्र मोहोदा के ग्राम्यन्तरिक हेतुयों का स्वरूप एवं तत्सम्बन्धी
नीन दृष्टान्त :
१ - चक्रवर्ती का आहार २ - कामातुर युवती
३ पानी के प्रवाह में बहने वाला पुरुष
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गाथा के
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