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पाँचवाँ परिच्छेद
धनोपार्जन करना चाहिये। निदान, यह विचार स्थिर होते ही उसने पाँच सौ नौकायें मोल लीं। उनमें नाना प्रकार का माल भरकर यात्रा की तैयारी की। ___ धवल सेठ की पाँच सौ नौकाओं में छोटी बड़ी सभी तरह की नौकायें थी। कई नोकायें तो इतनी बड़ी थीं कि उन्हें जहाज के नाम से सम्बोधित किया जा सकता था। इन नौकाओं को माल भरने के बाद, प्रस्थान करने के पहले राजा की आज्ञा से बन्दरगाह पर लाना पड़ा। इनपर हजारों आदमी काम करते थे। प्रस्थान का समय ज्यों ज्यों समीप आता जाता था, त्यों-त्यों लोगों को बड़ा ही आनन्द हो रहा था। सभी नौकायें सात-सात मंजिल ऊँची थीं। इन नौकाओं पर बड़ी-बड़ी तोपें चढ़ा दी गयीं थीं, ताकि किसी शत्रु या समुद्री डाकुओं से समय पर सामना किया जा सके। इस बेड़े में सब मिलाकर करीब दस हजार सैनिक थे। जिन्हें, नौकाओं की रक्षा के निमित्त नियुक्त किया गया था। यह सैनिक सभी प्रकार के शस्त्रास्त्रों से सुसज्जित थे। धवल सेठ के बेड़े का यह प्रबन्ध देखकर और भी अनेक व्यापारी भाड़ा देकर उसकी नौकाओं पर अपने सामान सहित आ बैठे। सब तरह की तैयारियां पूरी हो जाने पर यह दल चलने को तैयार हुआ।
प्रस्थान का निश्चित समय आ पहुँचने पर सबसे बड़ी नौका पर से एक तोप छोड़ी गयी। छोड़ी-बड़ी अन्यायन्य
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