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श्रीपाल-चरित्र
हाथ का अन्न जल ग्रहण करने से कुछ ही दिनों में कुमार को भी कुष्ट व्याधि हो गया। रानी को यह देख कर बड़ी चिन्ता हुआ। उसने स्थिर किया कि कुमार को इस व्याधि से छुड़ाना ही होगा। यह विचार कर वह राजकुमार को कोढ़ियों के हवाले कर, औषधि की खोज में एक ओर चल पड़ी। कोढ़ियों के दल ने राजकुमार के साथ मालव-देशकी ओर प्रस्थान किया।
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