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________________ महावीर-वाणी भाग : 1 लेकिन पुरुष के सामने स्त्री कपड़े भी पहने खड़ी हो तो कल्पना में वह उसे नग्न करना शुरू कर देता है। यह जो हमारे चित्त की कल्पना है, यह जब हम कल्पना करते हैं, तब तो कल्पना होती ही है; जब हम वास्तविक कुछ अनुभव करते हैं, तब भी कल्पना से ज्यादा क्या होता है? एक फूल को देखें, स्त्री को देखें, पुरुष को देखें, आपको भीतर मिलता क्या है? वास्तविक तो कुछ नहीं मिलता, कुछ कंपन उपलब्ध होते हैं। उन्हीं कंपनों के लोक को हम संसार कहते हैं। जब आपको अच्छी सुगंध मालूम पड़ती है तो होता क्या है? कंपन, वाइब्रेशंस। जब आपको अच्छा स्वाद आता है तो होता क्या है? जीभ में कंपन, वाइब्रेशंस । हमारा सारा सुख वाइब्रेशंस है। और बड़े मजे की बात है, अब तो वैज्ञानिक कहते हैं कि ये वाइब्रेशंस बिना किसी बाहरी, वास्तविक चीज के पैदा किये जा सकते हैं। जैसे आपके मस्तिष्क में एक इलेक्ट्रोड लगाया जा सकता है, एक बिजली का तार जोड़ा जा सकता है और जिस तरह सुंदर स्त्री को देखकर आपके मन के तंतु कंपते हैं, बिजली से कंपाये जा सकते हैं। और जब वे तंतु बिजली से कंपेंगे, आपको वही मजा आना शुरू हो जायेगा जो आपको सुंदर स्त्री को देखकर आयेगा। अभी एक वैज्ञानिक साल्टर ने चूहों के साथ बहुत से प्रयोग किये। उसका एक प्रयोग बहुत हैरानी का है। वह कभी न कभी आदमी को उस प्रयोग से बहुत कुछ सीखना पड़ेगा। उसने एक प्रयोग किया कि चूहे को जब चूही मादा को देखकर सुख मिलना शुरू होता है, तो उसके मस्तिष्क में क्या होता है, कौन से कंपन होते हैं। चूहों के सारे कंपन उसने अध्ययन किये वर्षों तक। फिर उन कंपनों की सूक्ष्मतम विधि उसने खोज ली, फिर बिजली से उन कंपनों को पैदा करने का उपाय निर्मित कर लिया। फिर एक चूहे को इलेक्ट्रोड लगा दिया, न केवल इलेक्ट्रोड लगा दिया, बल्कि चूहे के पंजे के पास बिजली का बटन भी लगा दिया कि जब भी वह चाहे उन कंपनों को, बटन को दबा दे। भीतर उसके कंपन शुरू हो जायें और उसे वही मजा आने लगे जो मादा के साथ संभोग में आता है। आप जानकर हैरान होंगे कि चहे ने फिर खाना-पीना बिलकुल छोड़ दिया। मादाएं आस-पास घूमती रहें, उनमें भी रस छोड़ दिया। फिर तो वह एक ही काम करता रहा, बटन को दबाना। चौबीस घंटे चूहा सोया नहीं। उसने हजारों दफे बटन दबायी, वह बिलकुल...जब तक बिलकुल थक कर चूर होकर गिर नहीं गया तब तक वह एक ही काम करता रहा. बटन दबाने का। जैसे ही वह बटन दबाता, भीतर कंपन शुरू होते हैं, वे ही कंपन, जो उसको संभोग में होते हैं। ___ संभोग में पुरुष को-आपको भी क्या होता है, स्त्री को भी क्या होता है? कुछ वाइब्रेशंस, कुछ कंपन। उन कंपनों के सिवाय वे जो कंपन हैं. अगर बिजली के बटन से पैदा हो जायें तो आपको पता लगेगा कि आप किस लोक में जी रहे हैं। वह चूहा ही बटन दबाकर जी रहा हो, ऐसा मत सोचना आप, आप भी उन्हीं बटनों को दबा कर जी रहे हैं। बटन आपके प्राकतिक हैं, चूहे के लिए कृत्रिम थे। __ आज नहीं कल आदमी अपने लिए भी कृत्रिम बटन बना लेगा। और मैं मानता हूं कि जिस दिन आदमी ने अपने आंतरिक कंपनों को पैदा करने के लिए छोटे उपाय कर लिए, उस दिन स्त्री-पुरुष के बीच कोई रस नहीं रह जायेगा। क्योंकि तब आप ज्यादा बेहतर ढंग से उन्हीं कंपनों को पैदा कर सकते हैं। तब दूसरे पर निर्भर रहने की कोई जरूरत नहीं। अपने खीसे में एक छोटी-सी बैटरी लिए आप चल सकते हैं। जब आपका मन हो, आप बटन दबा लें और भीतर आपके संभोग के कंपन शुरू हो जायें। और जो बात बैटरी से हो सके, और ज्यादा सुगमता से हो सके और कभी भी हो सके, उसके लिए कौन पति-पत्नी का उपद्रव लेने जाता है! साल्टर की खोज भविष्य के लिए बड़ी महत्वपूर्ण सिद्ध होने वाली है। पर मैं आपसे इसलिए साल्टर की खोज की बात कर रहा 430 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001820
Book TitleMahavira Vani Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1998
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Sermon, & Religion
File Size12 MB
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