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प्रायश्चित : पहला अंतर तप
की कोशिश करता हूं। क्या प्रायश्चित का यह अर्थ आपके खयाल में आता है? यह खयाल में आए तो आप साधक बन जाएंगे। यह खयाल में न आए तो आप साधारण गृहस्थ होंगे। पश्चात्ताप करते रहेंगे और वही काम दोहराते रहेंगे। ___ मुल्ला नसरुद्दीन के घर के लोगों ने यह देखकर कि इसके तर्क बड़े पागल होते जा रहे हैं, कुछ अजीब बातें कहता है। कहता है लाजिकल, कहता तर्कयुक्त है। पागल का भी अपना लाजिक होता है। ध्यान रहे, कई दफे तो पागल बड़े लाजीशियन होते हैं। बड़े तर्कयुक्त होते हैं। अगर आपने किसी पागल से तर्क किया है तो एक बात पक्की है—एक बात पक्की है कि आप उसे कनव्हिंस न कर पाएंगे। इस बात की सम्भावना है कि वह आपको कनव्हिंस कर ले। मगर इसकी कोई सम्भावना नहीं कि आप उसको कनव्हिंस कर पाएं। क्योंकि पागल का तर्क एब्सल्यूट होता है, पूर्ण होता है। ___ मुल्ला के तर्क ऐसे होते जा रहे हैं कि घर के लोग, मित्र, परेशान हो गए हैं। एक दिन मुल्ला गांव के धर्मशास्त्री से बात कर रहा है। धर्मशास्त्री ने कहा-कोई सत्य ऐसा नहीं है जिसे हम पूर्णता से घोषणा कर सकें। मुल्ला नसरुद्दीन ने कहा कि जो आप कह रहे हैं क्या यह पूर्ण सत्य है? उसने कहा—निश्चित, डेफिनेटिली। मुल्ला ने कहा—सब गड़बड़ हो गया। आप यह कह रहे हैं—'किसी सत्य को हम पूर्णता से घोषित नहीं कर सकते और अब आप ही कह रहे हैं—'यह सत्य पूर्ण है'।
मुल्ला को मनोचिकित्सक के पास ले जाया गया क्योंकि गांवभर परेशान हो गया है उसके तर्कों से। मनोचिकित्सक ने सालभर इलाज किया। कहते हैं कि सालभर में मुल्ला ठीक हो गया। जिस दिन मुल्ला ठीक हुआ, मनोचिकित्सक ने बड़ी खुशी मनायी।
और उसने कहा-आज तुम ठीक हो गए हो, यह मेरी बड़ी सफलता है क्योंकि तुम जैसे आदमी को ठीक करना असम्भव कार्य था। इस जिंदगी में किसी को ठीक न किया तो चलेगा। चलो इस खुशी में हम बाहर चलें-फूल खिले हैं, पक्षी गीत गा रहे हैं, सूरज निकला है, सुबह सुंदर है-इस खुशी में हम थोड़ा पहाड़ की तरफ चलें।
वे दोनों पहाड़ की तरफ गए। मुल्ला हांफने लगा, और चिकित्सक है कि भागा चला जा रहा है तेजी से। आखिर मुल्ला ने कहा कि रुको भई। बहुत हो गया। अगर हमारा दिमाग खराब होता तो हम तुम्हारे साथ दौड़ भी लेते। लेकिन अब ठीक हो गया हूं। तुम्हीं कहते हो, तो अब इतना ज्यादा नहीं। तो उस चिकित्सक ने कहा - मील के पत्थर को देखो, कितने दूर आए। अभी कोई ज्यादा दूर नहीं आए। मुल्ला ने देखा और कहा-दस मील। उस चिकित्सक ने कहा-इट इज़ नाट सो बैड। टु ईच इट कम्स टु ओनली फाइव माइल्स। पांच मील हमको, पांच मील तुमको। लौटने में ज्यादा दिक्कत नहीं है। मतलब यह है कि नसरुद्दीन तो ठीक हो गए, सालभर में चिकित्सक पागल हो गया। दस मील है लौटना, कोई हर्जा नहीं, पांच-पांच मील पड़ता है एक-एक के हिस्से में। ज्यादा बुरा नहीं है।
पागल को राजी करना मुश्किल है। सम्भावना यही है कि पागल आपको राजी कर ले। क्योंकि पागल पूरा अपनी तरफ तर्क का जाल बनाकर रखता है। रीज़न्स नहीं हैं वे, रेशनलाइजेशन हैं, तर्काभास हैं। तर्क नहीं हैं वे, तर्काभास हैं। लेकिन वह बनाकर रखता है। __रूजवेल्ट की पत्नी ने एक संस्मरण लिखा है, इलनौर रूजवेल्ट ने। रूजवेल्ट राष्ट्रपति हुआ उसके पहले गवर्नर था अमरीका के एक राज्य में। गवर्नर की पत्नी होने की हैसियत से इलनौर रूजवेल्ट एक दिन पागलखाने के निरीक्षण को गयी। एक आदमी ने दरवाजे पर उसका स्वागत किया। उसने समझा कि वह सुपरिन्टेंडेंट है। वह आदमी उसे ले गया। उसने तीन घण्टे पागलखाने के एक-एक पागल के संबंध में जो केस, हिस्ट्री, जो ब्यौरा दिया, विवरण दिया, इलनौर हैरान हो गयी। उसने चलते वक्त उससे कहा कि तम आश्चर्यजनक हो - तुम्हारी जानकारी, पागलपन के संबंध में तुम्हारा अनुभव, तुम्हारा अध्ययन। तुम जितने बुद्धिमान आदमी से
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