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________________ महावीर-वाणी भाग : 1 और गैर-जैनों से भी कि वे 'महावीर-वाणी' को ऐसे पढ़ें कि जैसे उन्हें महावीर के बारे में बिलकल कोई जानकारी नहीं है और पढ़ कर यदि उनमें से किसी को लगे कि महावीर और ओशो प्रेम करने जैसे हैं तो फिर वे नहीं चूकें। महाकवि नीरज की ये पंक्तियां स्मरण रखने योग्य हैं इस संदर्भ में कि सौभाग्यवश आज हम ओशो की जीवंत ऊर्जा से अपने को आप्लावित कर सकते हैं; अगर हम उनके ऊर्जा-क्षेत्र में आकर थोड़ा ध्यान में डूबें। 'आज जीभर देख लो तुम चांद को क्या पता यह रात फिर आए, न आए। काल के अज्ञात अधरों पर धरी जिंदगी यह बांसुरी है चाम की, क्या पता फिर सांस के सुरकार को साज यह आवाज यह भाये, न भाये।' महावीर ने जिस प्रकार अपने 'स्व' को पहचाना, अपनी भगवत्ता को जाना और जिसके साक्षात उदाहरण आज ओशो हैं, इनसे प्रेरणा लेकर यदि हमने थोड़ा-सा भी अपने भीतर झांकने का प्रयत्न किया तो हमारा यह जन्म सार्थक हो सकता है; अन्यथा तो हम जैसे पहले अनेकानेक जन्मों में चूकते रहे हैं, हमारा यह जन्म भी व्यर्थ चला जाएगा। हम लक्ष्यहीन यात्राओं के यात्री, हमको जीवन का पता नहीं कुछ भी, हम बिना कफ़न की लाशोंवाले हैं। जन्मों-जन्मों से बाहर खोज रहे जिस प्रभु को, वह अपने ही भीतर है, यह देह हमारी मूर्तिमान मंदिर, मिट्टी का मंदिर जड़ है, पत्थर है। प्रभु के प्रति अर्पण का न हमें अनुभव, हमने कंठस्थ किताबें कर ली हैं, हम जूठन के विश्वासोंवाले हैं, हम बिना कफ़न की लाशोंवाले हैं। अंत में, मैं पाठकों से निवेदन करूंगा कि वे 'महावीर-वाणी' की पावन गंगा में अवगाहन कर अपने को धन्य करें। मैं, मा योग नीलम के प्रति आभारी हूं कि उन्होंने मुझे यह सौभाग्य प्रदान किया कि ओशो की महावीर-वाणी के लिए दो शब्द मैं कह सका। ___इस प्रस्तावना में मैंने अपनी जिन काव्य-पंक्तियों को उद्धृत किया है, वस्तुतः उनके तुकांत ही मेरे हैं; भाव तो ओशो के हैं। वही प्रेरणा स्रोत हैं, श्रद्धेय बच्चन' जी के शब्दों में: ___'मैं नहीं गाता, सखी, घायल हृदय का दर्द गाता है।' या मेरे स्वयं के शब्दों में: Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org ..
SR No.001820
Book TitleMahavira Vani Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1998
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Sermon, & Religion
File Size12 MB
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