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पापा
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जेहिं दु लक्खिज्जंते, उदयादिसु संभवेहिं भावेहिं। जीवा ते गुणसण्णा, णिद्दिट्ठा सव्वदरिसीहिं।।१४४।।
मिच्छो सासण मिस्सो, अविरदसम्मो य देसविरदो य।
विरदो पमत्त इयरो, अपुत्व अणियट्टि सुहुमो य।। उवसंत खीणमोहो, सजोगिकेवलिजिणो अजोगी य । चोद्दस गुणट्ठाणाणि य, कमेण सिद्धा य णायव्वा।।१४५।।
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MAADHAN
AMERIMAR
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