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प्रश्न- सार
भगवान श्री के पास आते ही बुद्धि हृदय में व शब्द मौन में रूपांतरित । और सुनते समय हृदय का आंसू बनकर बहना !
घर लौटने पर यह अवस्था बनी रहेगी, संदेह । कैसे स्थिर हो यह अवस्था ?
आपके पास संन्यास लेने आया हूं।
कल घर से पत्र मिला है कि मेरे गैरिक वस्त्र पहनते ही मेरे माता- -पिता आत्महत्या कर लेंगे। वे कम शिक्षित हैं, उन्हें समझाना भी कठिन है। क्या करूं, कृपया बताएं ।
मा योग लक्ष्मी के वक्तव्य पर एक मित्र की बेचैनी !
सभी प्रश्न गिर गये । उत्तर की भूख, प्यास, चाह नहीं। आगे क्या ? सुख प्राप्ति, महासुख-प्राप्ति की एक झलक के बाद आगे क्या ?
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