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________________ विषय-सूची १२. ज्ञानमार्गणा ५०५-६८० प्राभृतक-प्राभृतकका स्वरूप ५७३ निरुक्तिपूर्वक ज्ञानसामान्यका लक्षण ५०५ प्राभृतकका स्वरूप ५७४ ज्ञानके भेद ५०६ वस्तु श्रुतज्ञानका स्वरूप ५७५ मिथ्याज्ञानकी उत्पत्तिके कारण और स्वरूप ५०७ पूर्व श्रुतज्ञानका स्वरूप ५७५ सम्यग्मिथ्यादृष्टि गुणस्थानमें ज्ञानका स्वरूप ५०८ चौदह पूर्वोका कथन ५७६ मिथ्याज्ञानोंका विशेष लक्षण ५०९ चौदह पूर्वगत वस्तुओंके प्राभृतक अधिकारोंकी मतिज्ञानका कथन ५१२ संख्या ५७७ मतिज्ञानके भेद ५१३ श्रुतज्ञानके भेदोंका उपसंहार ५७८ अवग्रह और ईहाका स्वरूप ५१५ द्वादशांगके पदोंकी संख्या ५८१ अवाय और धारणाका स्वरूप ५१७ अंगबाह्यकी अक्षर संख्या ५८१ बहु-बहुविध अन्तर ५१८ श्रुतके समस्त अक्षर और उनको लानेका अनिसुतका स्वरूप ५१९ क्रम ५८३-५९० उसका उदाहरण ५२० अंगों और पूर्वोके पदोंकी संख्या ५९२-५९८ श्रुतज्ञान सामान्यका लक्षण ५२२ दृष्टिवादके पांच अधिकार ६०० श्रुतज्ञानके मूल भेद ५२४ उनमें पदोंकी संख्या ६०३ श्रुतज्ञानके बीस भेद ५२५ चौदह पूर्वोमें पदोंको संख्या ६०४ पर्याय श्रुतज्ञानका स्वरूप ५२७ चौदह अंगबाह्योंका स्वरूप ६१२ पर्याय समासका कथन ५२९ श्रुतज्ञानका माहात्म्य छह वृद्धि और उनकी संज्ञा ५३० अवधिज्ञानका कथन ६१७ षट्स्थान वृद्धियोंका क्रम ५३१ अवधिज्ञानके दो भेद ६१८ षट्स्थानोंका आदि और अन्तिम स्थान ५५३ गुणप्रत्यय अवधिज्ञानके छह भेद ६१९ षट्स्थान वृद्धियोंका जोड़ ५५५ अवधिज्ञानके तीन भेद ६२० लब्ध्यक्षर ज्ञान दुगुना ५५७ उनकी विशेषताएँ ६२१ अक्षर श्रुतज्ञानका कथन ५६६ जघन्य देशावधिका विषय ६२३ श्रुतमें निबद्ध विषय ५६९ जघन्य देशावधिका क्षेत्र अक्षर समासका स्वरूप ५७० जघन्य देशावधिका काल-भाव ६२७ पद श्रुत ज्ञानका स्वरूप ५७० ध्रुवहारका प्रमाण ६२८ पदमें अक्षरोंका प्रमाण ५७० देशावधिके द्रव्यकी अपेक्षा विकल्प संघात श्रुतज्ञानका स्वरूप ५७१ देशावधिके जघन्य-उत्कृष्ट क्षेत्र प्रतिपत्ति श्रुतज्ञानका स्वरूप ५७२ परमावधिके भेद अनुयोग श्रुतज्ञान ५७३ देशावधिके मध्यम भेद Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org ६२५ ६३४
SR No.001817
Book TitleGommatasara Jiva kanda Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Siddhant Chakravarti, A N Upadhye, Kailashchandra Shastri
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1997
Total Pages612
LanguagePrakrit, Hindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Religion, & Karma
File Size14 MB
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