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कर्णाटवृत्ति जीवतत्वप्रदीपिका विशतिभेदंगळप्पुवु । इल्लिगुपयोगिश्लोकमिदु :
"मूतिमत्सु पदार्थेषु संसारिण्यपि पुद्गलाः। अकर्मकम्मनोकमजातिभेदेषु वर्गणाः॥" [
] __ मूत्तिमंतंगळप्प पदार्थगळोळं संसारिजीवनोळं पुद्गलशब्दं, अकर्मजातिगळोळं कर्मजातिगळोळं नोकर्मजातिगळोळं वर्गण' यब शब्दं वत्तिसुगुं। इल्लियणुवर्गणेगळ सुगमंगळु । संख्याताणुसमूह वर्गणेगळु द्वयणुक व्यणुकं मोदलादसदृश धनिकंगळु मेले मेलेकैक परमाणुविदधिकंगळु नडदु चरमोळु संख्यातोत्कृष्टप्रमितपरमाणुस्कंधंगळु सशनिकंगळु तद्योग्यंगळप्पुवु उ १५ । १५ । १५ । असंख्यातवर्गणेगळोछु जघन्यवर्गणेगळु सदृशधनिकंगळु । परि
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३।३।३।३।३।३ ज २।२।२।२।२ अणु १।१।१।१।१।१ मितासंख्यातजघन्याराशिप्रमितपरमाणुस्कंधंगळप्पषु । मेलेकैकपरमाणुचयक्रमदिवं पोगि चरमदोलु द्विकवारासंख्यातोत्कृष्टराशिप्रमितपरमाणुगळ स्कंधंगळु सदृशधनिकंगळप्पुव
मूर्तिमत्सु पदार्थेषु संसारिण्यपि पुद्गलः ।
अकर्मकर्मनोकमंजातिभेदेषु वर्गणाः ॥१॥ मूर्तिमत्सु पदार्थेषु संसारिजीवे च पुद्गलशब्दो वर्तते । अकर्मजातिषु कर्मजातिषु नोकर्मजातिषु च वर्गणाशब्दो वर्तते । अत्राणुवर्गणा ( सुगमा) एकैकपरमाणुरूपा स्यात् १।१।१ । १।१ । अणुवर्गणा । संख्याताणुवर्गणा द्वयणुकादयः एकैकाण्वधिकाः, उत्कृष्टसंख्याताणुकस्कन्धपर्यन्ताः
उ १५ । १५ । ०० १५
म ३ ३ ००३
ज २ २ ०० २ असंख्याताणुवर्गणा जघन्यपरिमितासंख्याताणुकादयः एकैकाण्वधिका उत्कृष्टद्विकवारासंख्याताणुस्कन्धपर्यन्ताःहैं-पुद्गल शब्द मूर्तिमान पदार्थोंका और संसारी जीवोंका वाचक है। और वर्गणाशब्द अकर्मजातिके, कर्म जातिके और नोकर्मजातिके पुद्गलोंको कहता है।
___इनमें-से अणुवर्गणा सुगम है । एक-एक परमाणुको अणुवर्गणा कहते हैं। अन्य बाईस २० वर्गणाओंमें भेद हैं सो उनमें जघन्य और उत्कृष्ट भेद कहते हैं। द्वथणुकसे लेकर एक-एक परमाणु बढ़ते-बढ़ते उत्कृष्ट संख्यात परमाणुओंके स्कन्ध पर्यन्त संख्याताणुवर्गणा है। उसमें जघन्य दो अणुओंका स्कन्ध है और उत्कृष्ट-उत्कृष्ट संख्यात अगुओंका स्कन्ध है। जघन्य परिमितासंख्यात परमाणुओंसे लेकर एक-एक अणु बढ़ते-बढ़ते उत्कृष्ट असंख्यातासंख्यात परमाणुओंके स्कन्ध पर्यन्त असंख्याताणुवर्गणा है । यहाँ जघन्य परीतासंख्यात परमाणुओंका स्कन्ध है और उत्कृष्ट असंख्यातासंख्यात परमाणुओंका स्कन्ध है। संख्याताणुवर्गणा और २५ असंख्याताणुवर्गणामें विवक्षितवर्गणाको लाने के लिए गुणकार नीचेकी वर्गणासे विवक्षित१. म पुद्गलंगलु । २. मणेगलेबुवप्पुवु ।
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