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कर्णाटवृत्ति जीवतत्त्वप्रदीपिका
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०
पल्यासंख्यातदिदं खंडिसिद
मत्तमिदं पल्यासंख्यादिंदं
-३ प पप
भागिसिद बहुभागंगळु मारणांतिकसमुद्घातमुळ्ळवप्पुवु - ३ प प इवर पल्यासंख्यातेकभाग
प प
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मात्रंगळ दूरमारणांतिकसमुद्घातजीवंगळप्पुवु -३ प प ई दूरमारणांतिकसमुद्घातजीव
aa.. पप प प
राशिय द्वितीयदीर्घदंडस्थितमारणांतिकपूर्वोपपादजीवागमनाथं पल्यासंख्यातदिदं भागिसिदेकभागमुपपादजीवंगळप्पुवु -३ प प ईयुपपादजीवराशियं समीकरणकृततिर्यग्जीवमुखप्रमाण ५
a a पपपप प aaaaa
संख्यातेन भक्ते एकभागः प्रतिसमयं म्रियमाणराशिर्भवति-३ तस्मिन् पल्यासंख्यातेन भक्ते बहुभागो विग्रहगतो
भवति-३ प तस्मिन् पल्यासंख्यातेन भक्त बहुभागो मारणान्तिकसमुद्घाते भवति
पप । aa
-३ प प अस्य पल्यासंख्यातकभागो दूरमारणान्तिके जीवा भवन्ति -३ । प ५१ प प प ३a
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a a a a अस्मिन् द्वितीयदीर्घदण्डस्थितमारणान्तिकपूर्वोपपादजीवानानेतु पल्यासंख्यातेन भक्ते एकभाग उपपादजीव
उनकी मुख्यतासे कहते हैं। सो सौधर्म और ऐशान स्वर्गके देवोंकी राशि धनांगुलके तीसरे वर्गमूलसे गुणित जगतश्रेणि प्रमाण है। इसमें पल्यके असंख्यातवें भागसे भाग देनेपर एक भाग प्रमाण प्रतिसमय मरनेवाले जीवोंकी राशि होती है। उसमें पल्यके असंख्यातवें भागसे भाग देनेपर बहुभाग प्रमाण विग्रहगतिवाले जीवोंका प्रमाण होता है। उस प्रमाणमें पल्यके असंख्यातवें भागसे भाग देनेपर बहुभाग प्रमाण मारणान्तिक समुद्घात करनेवाले जीवोंका प्रमाण होता है। उसमें पल्यके असंख्यातवें भागसे भाग देनेपर एक भाग प्रमाण दूर । मारणान्तिक करनेवाले जीव होते हैं। इसमें द्वितीय दीर्घदण्डमें स्थित मारणान्तिक समुद्घातसे पूर्व होनेवाले उपपादसे युक्त जीवोंका प्रमाण लानेके लिए पल्यके असंख्यातवें भागसे भाग देनेपर एक भाग प्रमाण उपपाद जीवोंका प्रमाण होता है। यहाँ तियंचोंके उत्पन्न होने
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