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________________ ६७८ गो० जीवकाण्डे पल्लासंखघणंगुलहदसेढितिरिक्खगदिविभंगजुहा । णरसहिदा किंचूणाचदुगदीवेभंगपरिमाणं ॥४६३॥ पल्यासंख्यातघनांगुलहतश्रेणितिर्यग्गति विभंगयुताः। नरसहिता किंचिदूना चतुगतिविभंगज्ञानिपरिमाणं॥ पल्यासंख्यातघनांगुलगुणित १ जगच्छ्रेणिमानं तिय्यंचविभंगज्ञानिगळप्परु -६ नरसहिता ई तिय्यंचविभंगज्ञानिगळोळु मनुष्यविभंगज्ञानिगळु संख्यातप्रमितरप्प १ रवर्गाळ संख्ययं साधिकं माडि - १५ दो राशियमं सम्यग्दृष्टिळिदं किंचिदूनधनांगुलद्वितीयमूलगुणितजगच्छेणिप्रमितसामान्यनारकर संख्येयमं ।-२-। सम्यग्दृष्टिगळिदं किंचिढून ज्योतिष्कर संख्येयं नोडि साधिकयुप्प देवगतिजर संख्ययुमनितुं नाल्कुं गतिगळ विभंगज्ञानिगळ संख्ययं कूडियोड १० चतुर्गतिसमस्तविभंगज्ञानिगळ संख्येयक्कुं = १ ४। ६५-१ सण्णाणरासिपंचयपरिहीणो सव्वजीवरासी हु। मदिसुद अण्णाणीणं पत्तेयं होदि परिमाणं ॥४६४॥ सद्ज्ञानराशिपंचकपरिहीनः सर्वजीवराशिः खलु । मतिश्रुताज्ञानिनां प्रत्येकं भवति परिमाणं॥ पल्यासंख्यातघनाङ्गुलहतजगच्छ्रे णिमात्रतिर्यञ्चः-६ प संख्यातमनुष्याः १ सम्यग्दृष्टयूनघनाङ्गुलद्वितीय मूलगुणितजगच्छ्रेणिमात्रनारकाः-२-सम्यग्दृष्टयूनज्ज्योतिष्कसंख्यासाधिकदेवाः १-मिलित्वा चतु ४। ६५ = गतिविभङ्गज्ञानिसंख्या भवति १ =४ । ६५ =१ ॥४६३॥ पल्यके असंख्यातवें भागसे गुणित घनांगुलसे जगतश्रेणिको गुणा करनेपर जितना प्रमाण हो, उतने तिथंच, संख्यात मनुष्य तथा धनांगुलके द्वितीय मूलसे जगतश्रेणिको गुणा .. करनेपर जितना प्रमाण हो, उतने नारकियोंके प्रमाणमें-से सम्यग्दष्टि नारकियोंका प्रमाण घटानेसे जो शेष रहे,उतने नारकी तथा ज्योतिषी देवोंके परिमाणमें भवनवासी, व्यन्तर और वैमानिक देवोंका प्रमाण मिलानेपर जो सामान्यदेव राशिका प्रमाण होता है, उसमें सम्यकदृष्टि देवोंका परिमाण घटानेपर जो शेष रहे, उतने देव । इन सब तियच, मनुष्य, नारकी और देवोंके प्रमाणको जोड़नेपर चारों गतिके विभंगज्ञानियोंकी संख्या होती है ॥४६३।। २५ १. ब°न साधिकज्यातिष्कसंख्यदेवाः । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001817
Book TitleGommatasara Jiva kanda Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Siddhant Chakravarti, A N Upadhye, Kailashchandra Shastri
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1997
Total Pages612
LanguagePrakrit, Hindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Religion, & Karma
File Size14 MB
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