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________________ १२ पंचेन्द्रिय मिथ्यादृष्टि पर्याप्त अपर्याप्त "" "" असंज्ञि पंचेन्द्रिय असंज्ञि पंचेन्द्रिय पर्याप्त अपर्याप्त 33 सामान्य पंचेन्द्रिय लब्ध्यपर्याप्त संज्ञि पंचेन्द्रिय लब्ध्यपर्याप्त असंज्ञि पंचेन्द्रिय लब्ध्यपर्याप्त कायानुवाद षट्काय सामान्य पर्याप्त षटुकाय सामान्य अपर्याप्त पृथ्वीकाय पृथ्वीका पर्याप्तक पृथ्वीकाय अपर्याप्तक बादर पृथ्वीकायिक "1 " 33 वनस्पतिकायिक "" 19 प्रत्येक वनस्पति " 33 साधारण वनस्पति 17 11 " 31 13 सकाय 33 "" "" "" साधारण वादर वनस्पति अकाय चम पर्याप्तक अस अपर्याप्तक स मिथ्यादृष्टि 33 37 "" 73 पर्याप्त अपर्याप्त अपर्याप्तक मनोयोगी पर्याप्त अपर्याप्त Jain Education International पर्याप्तक अपर्याप्तक पर्याप्तक अपर्याप्तक पर्याप्त अपर्याप्त पर्याप्तक अपर्याप्तक " "" 19 "" 19 "" "3 " "" " 19 19 27 31 "" "" 33 "3 "1 19 33 "3 11 "" 13 21 " " 11 "" "1 "3 "" "1 33 " 37 " गो० जीवकाण्डे ९९५ 37 37 "3 11 ९९६ 19 19 " ९९७ "" "" 17 ९९८ "" 17 "" ९९९ 37 " 31 १००० 31 " " १००१ "" " "" १००२ 11 21 १००३ "1 31 १००४ " 13 मनोयोग मिथ्यादृष्टि मनोयोग सासादन मनोयोगी मिश्र मनोयोगी असंयत मनोयोगी देशसंयत मनोयोगी प्रमत्त असत्य मनोयोगी वाग्योगी बायोगी मिथ्यादृष्टि काययोगी " 13 " 31 "" 33 31 31 31 19 "" 13 " 11 "" 73 " 73 17 "" पर्याप्तक अपर्याप्तक मिथ्यादृष्टि 37 31 "3 " सासादन 〃 19 औदारिक काययोगी 33 सम्यमथ्यादृष्टि असंयत सम्यग्दृष्टि पर्याप्त असंयत अपर्याप्त असंयत देशविरत प्रमत्तसंयत अप्रमत्तसंयत पर्याο अपर्या० सयोग केवल 12 औदारिक मिश्रकाययोगी पर्याप्तक अपर्याप्तक 21 23 मिथ्यादृष्टि सासादन सम्पग्मिथ्यादृष्टि असंयत सम्यग्दृष्टि देशव्रती " वैक्रियिक काययोगी For Private & Personal Use Only बीस प्ररूपणा १००४ मिथ्यादृष्टि सासादन असंयत सयोगकेवलि "" 19 19 37 " 39 " 31 "" 39 "9 37 "" "3 "3 " 33 "3 "" 13 " "1 "1 "" "" "? "" 17 "" "1 "2 " " 11 "" " 11 "" १००५ 39 21 33 १००६ 13 " 33 १००७ 33 " 31 33 १००८ 33 33 "9 १००९ "1 " "1 31 १०१० " 17 19 १०११ "1 13 37 १०१२ 77 " www.jainelibrary.org
SR No.001817
Book TitleGommatasara Jiva kanda Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Siddhant Chakravarti, A N Upadhye, Kailashchandra Shastri
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1997
Total Pages612
LanguagePrakrit, Hindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Religion, & Karma
File Size14 MB
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