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________________ पा ९०८ ९०८ ९०९ ९१३ गो० जीवकाण्डे क्षपक श्रेणिमें जीवसंख्या ८६५ २१. ओघादेश प्ररूपणाधिकार ९०४-९३४ सयोगीजिनोंकी संख्या नरकादि गतियोंमें गुणस्थान ९०४ सब संयमियोंकी संख्या ८६९ मनोयोग-वचनयोगमें गुणस्थान ९०६ अयोगियोंकी संख्या ८७० औदारिक-औदारिक मिश्रमें ,, चारों गतिके मिथ्यादृष्टि, सासादन, मिश्र और. वैक्रियिक-वैक्रियिक मिश्रमें .. ९०७ असंयत सम्यग्दृष्टियोंकी संख्याके साधक आहारक-आहारक मिश्रमें। पल्यके भागहारोंका कथन ८७० कार्मणाकाय योगमें मनुष्यगतिमें सासादन आदि पाँच गुणस्थानों वेदमार्गणामें में संख्या .८८१ कषायमार्गणामें ९१० क्षायिक सम्यग्दर्शनका स्वरूप ज्ञानमार्गणामें क्षायिक सम्यग्दर्शनकी विशेषताएँ ९१० संयममार्गणामें वेदक सम्यग्दर्शनका स्वरूप दर्शनमार्गणामें ९१३ उपशम सम्यक्त्वका स्वरूप लेश्यामार्गणाम पाँच लब्धियोंका स्वरूप सम्यक्त्वमार्गणामें उपशम सम्यक्त्वको ग्रहण करनेके योग्य जीव द्वितीयोपशम सम्यक्त्वमें सासादन सम्यग्दृष्टिका स्वरूप ९१५ संज्ञीमार्गणामें सम्यग्मिथ्यादृष्टिका स्वरूप ९१६ आहारमार्गणामें मिथ्याष्टिका स्वरूप ९१७ गुणस्थानोंमें जीवसमास सम्यक्त्व मार्गणामें जीवसंख्या गति मार्गणामें जीवसमास १८. संज्ञिमार्गणा ८९२-८९४ गुणस्थानोंमें पर्याप्ति और प्राण ९१९ गुणस्थानों में संज्ञा ९१९ संज्ञी-असंज्ञीका लक्षण ८९२ गुणस्थानोंमें मार्गणा ९२१ संज्ञी-असंज्ञी जीवोंकी संख्या ८९३ गुणस्थानोंमें योग ९२५ गुणस्थानों में उपयोग ९३३ १९. आहारमार्गणा ८९५-८९९ आहारका लक्षण ८९५ अनाहारक और आहारक ८९६ २२. आलापाधिकार ९३५-१०७२ सात समुद्घात ८९६ गुणस्थानोंमें आलाप ९३६ समुद्घातका लक्षण सामान्य-पर्याप्त-अपर्याप्त तीन आलाप ९३७ आहार-अनाहारका काल ८९७ अपर्याप्तके दो भेद ९३७ अनाहारकों-आहारकों की संख्या चौदह मार्गणाओं में आलाप ९३८ गतिमार्गणामें आलाप ९३८ २०. उपयोगाधिकार ९००-९०३ इन्द्रिय मार्गणामें आलाप ९४२ उपयोगका स्वरूप और भेद ९०० कायमार्गणामें आलाप ९४३ साकार और अनाकार उपयोग ९०० योगमार्गणामें आलाप और उनका स्वरूप ९०१ शेष मार्गणाओं में आलाप ९४४ उनकी संख्या ९०१ जीवसमासोंमें विशेष ९४७ ९१८ ९१८ ८९७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001817
Book TitleGommatasara Jiva kanda Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Siddhant Chakravarti, A N Upadhye, Kailashchandra Shastri
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1997
Total Pages612
LanguagePrakrit, Hindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Religion, & Karma
File Size14 MB
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