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________________ धवलासहित समग्रषटखंडागमस्य पारिभाषिक-शब्द-सूची १३-२६५ ९-१९१ १३-३९०,३९१ निर्वृति १८४; ८.६; ६-४९७ ; ७-४३६ ; | नैगमनय १४-३६३ १३.४,११ नोआगमभावबंध १४-९ निर्वतिस्थान १४-३५८ | नैयायिक ६.४२०,९.३२३ नोआगमभावबंधक ७-५ | नैसर्गिकप्रथमसम्यक्त्व नोआगमभावभाव ५.१८४ निर्वत्यक्षर निवेदनी ६.४३० | नोआगमभावलेश्या १६४८५ १-१०५; ९-२०२ नोअनुभागदीर्घ निर्लेपन १६.५०९ १४-५०० नोआगमभाववर्गणा १४.५२ निर्लेपनस्थान १०.२९७, नोअनुभागह स्व १६.५११ नोआगमभावस्पर्शन ४.१४४ नोआगम ३.१३,१२३ २९८; १४-५२७ नोआगमभावान्तर नोआगमअचित्तद्रव्यभाव १८४ नोआगमभावानन्त निषिद्धिका नोआगमद्रव्यकाल ४.३१४ नोआगमभावाल्पबहुत्व निषेक ६-१४६,१४७,१५०; नोआगमद्रव्यप्रकृति १३-२०४ ५.२४२ ११-२३७ नोआगमद्रव्यभाव ५-१८४ | नोआगभावासंख्यात ३.१२५ निषेकक्षुद्रभवग्रहण | नोआगमद्रव्यबन्ध १४-२८ | नोआगममिश्रद्रव्यभाव १४.३६२ | नोआगमद्रव्यबन्धक ७-४ ५.१८४ निषेकगुणहानिस्थानान्तर नोआगमद्रव्यवर्गणा १४-५२ / नोआगमवर्गणा १४.५२ १६.३२८ | नोआगमद्रव्यवेदना १०-७ | नोआगमसचित्तद्रव्यभाव निषेकप्ररूपणा १४.३२१ | नोआगमद्रव्यस्पर्शन ४-१४२ ५.१८४ निषेक भागहार नोआगमद्रव्यान्तर ५-२ | नोइन्द्रियअर्थावग्रह १३.२२८ निषेकरचना १०.४३ | नोआगमद्रव्यानन्त ३.१३ | नोइन्द्रियअर्थावग्रहावरणीय निषेकस्थिति ६.१६६,१६७ | नोआगमद्रव्याल्पबहुत्व १३.२२९ निषेकस्थितिप्राप्त १०.११३ ५-२४२ / नोइन्द्रियआवायावरणीय निस्सरणात्मक तैजसशरीर नोआगमद्रव्यासंख्यात १३.९३२ ४२७ ३-१२३ नोइन्द्रिय ईहा १३.२३२ नीचगोत्र ६.७७; ८.९ | नोआगमभव्यद्रव्यभाव | नोइन्द्रिय ईहावरणीय नीचैर्गोत्र १३.३८८,३८९ ५-१८४ १३.२३२ नीललेश्या १.३८९; ७.१०४; | नोआगमभावउपशामना नोइन्द्रियज्ञान ८.३२०,३३१,१६.४८४ १५-२७५ | नोइन्द्रियधारणावरणीय ४८८,४९० नोआगमभावकाल ४३१६; १२.२३३ नीलवर्ण नोइन्द्रियावरण ५.२३७ नीलवर्णनाम १३.३७० नोआगमभावक्षेत्र ४-७; नोकर्मउपक्रम १५.४१ नैऋत ४.३१८ ११-२ | नोकर्मउपशामना १५.२७५ नैगम ७.२८; ९.१७१,१८१; | नोआगमभावजघन्य ११-१३ ११.१३ १०.२२; १२.३०३; नोआगमभावनारक ७-३० नोकर्मक्षेत्रजघन्य १३.१९९; १५.२४ नोआगमभावप्रकृति नोकर्मद्रव्य ६.७४ ११-७७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001815
Book TitleShatkhandagama Pustak 16
Original Sutra AuthorBhutbali
AuthorHiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Balchandra Shastri
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1995
Total Pages348
LanguagePrakrit, Hindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size8 MB
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