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________________ पारिभाषिक-शब्द-सूची पृष्ठ ३४९ २६६ / माहेन्द्र ४४ ३७ ३९१ ३७० शब्द | शब्द पृष्ठ शब्द पृष्ठ मायासंज्वलन ३६० योगद्वार २६०, २६१ मार्ग मगध २८०, २८८ योगनिरोध ३६५ ८४ मार्गणा मडबविनाश ३३२,३३५,३४१ २४२ योजन ३०६, ३१४, ३२५ मति २४४,३३२, ३३३,३४१ | मालव २२२ योजनपृथक्त्व ३३८, ३३९ मधुरनाम ३७० मास २९८, ३०० योनिप्राभूत मध्यम पद ३१६ मनस् २१२, ३३२, ३४० मिथ्यात्व ३५८ | रति मनःपर्यय २१२ मिश्रक २२३, २२४ | रस मनःपर्ययज्ञान २१२, ३२८ | मीमांसा २४२] रसनाम ३६३, ३६४, ३७० मनःपर्ययज्ञानावरणीय २१३ मुख ३७१, ३८३ | रसपरित्याग मनःप्रयोग | मुनिसुव्रत राक्षस मनुज | मुहूर्त २९८, २९९ | रुचक ३०७ मनष्य २९२, ३२७ मुहूर्तात ३०६ रुधिरवर्णनाम ३७० मनुष्य गतिनाम मूलतंत्र रूक्षनाम मनुष्यगतिप्रायोग्या मूलप्रायश्चित ६२ रूक्षस्पर्श २४ नुपूर्वी ३७७ मनुष्यलोक ३९१ रूपगत ३१९, ३२१, ३२३ मनुष्यायुष्क मृत्तिका २०५ | रोग ३३२, ३३६, ३४१ मनोज्ञवैयावृत्त्य मन्द मृदुनाम ३७० लघुनाम ३७० मरण ३३२, ३३३, ३४१ मृदुस्पर्श २४ लघुस्पर्श मस्करी मेघा २४२ लब्ध्यक्षर २६२, २६३, २६५ महाकर्मप्रकृतिप्राभूत मोक्ष लयनकर्म ९,४१, २०२ १९६ | मोहनीय २६, २०८, ३५७ लव २९८, २९९ महाराष्ट्र २२२) मोहनीयप्रकृति २०६ | लाढ २२२ महाव्यय य लान्तव महोरग ३९१ | यक्ष लाभ ३३२, ३३४, मागध २२२ | यथानुपूर्व २८० ३४१, ३८९ मान | यथानुमार्ग २८०, २८९ लाभान्तराय ३८९ मानस ३३२.३४० | यन्त्र ५, ३४ लिङ्ग २४५ मानसिक ३४६, ३५० यव २०५ लेपकर्म ९, १०, ४१, २०२ मानसंज्वलन ३६० | यशःकीर्तिनाम ३६३, ३६६ लोक २८८, ३४६, ३४७ मानुष ३९१ युग २९८,३०० लोकनाडी ३१९ मानुषोत्तरशैल ३४३ युति ३४६, ३४४ लोकपाल २०२ मृग . m mm मृदुक ५० २४ २८८ ५१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001812
Book TitleShatkhandagama Pustak 13
Original Sutra AuthorBhutbali
AuthorHiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Balchandra Shastri
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1993
Total Pages458
LanguagePrakrit, Hindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size11 MB
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