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________________ २२) प्रस्तावना विषय विषय पृष्ठ २२५ २१३ २ mr २३२ mr . दर्शनका स्वरूपनिर्देश २०७ | विचार ज्ञानावरणकी पाँच प्रकृतियां २०९ | अर्थावग्रहावरणीयके छह भेद पाँचों ज्ञानोंका स्वरूपनिर्देश सब इन्द्रियां अप्राप्त अर्थको ग्रहण करती जीवके केवलज्ञानस्वभाव होनेपर भी हैं, इसकी सिद्धि पाँच ज्ञानोंकी उत्पत्तिका कारण सहित अर्थावग्रहावरणीयके छह भेदोंके नाम २२७ विवेचन अधिकारीभेदसे कौन इन्द्रिय कितने आभिनिबोधिकज्ञानावरणके भेद | दूरके विषयको जानती है, इसका विचार , अवग्रह आदिकी मुख्यतासे चार भेद । ईहावरणीय कर्मके छह भेद व विशेष अवग्रहज्ञानका स्वरूपनिर्देश विवेचन ईहाज्ञानका स्वरूपनिर्देश संशयप्रत्ययका अन्तर्भाव आवयावरणीयके छह भेद ईहा अनुमानज्ञान नहीं है आदि विचार , धारणावरणीयके छह भेद अवायज्ञानका स्वरूपनिर्देश २१८ आभिनिबोधिकज्ञानावरणके सब भेदोंका धारणाज्ञानका स्वरूपनिर्देश निर्देश २३४ अवग्रहावरणीय कर्मके दो भेद २१९ बहु आदि पदार्थोंका स्वरूपनिर्देश अर्थावग्रह और व्यञ्जनावग्रहका स्वरूप २२० उच्चारणा द्वारा उन सब भेदोंका उल्लेख व्यञ्जनावग्रह कर्मके चार भेद २३९ २२१ शब्दके छह भेद व उनका स्वरूप आभिनिबोधिकज्ञानावरणीयकी अन्य प्ररूपणा २४१ भाषाके भेद और उनके स्वामी अवग्रह ईहा आदिके पर्याय नाम २४२ अक्षरात्मक भाषाके दो भेद और उनके आभिनिबोधिकके पर्याय नाम २४४ बोलनेवाले २२२ श्रुतज्ञानावरणकर्मका विचार श्रोत्रेन्द्रियव्यञ्जनावग्रहका स्वरूप श्रुतज्ञानका स्वरूपनिर्देश शब्द-पुद्गल लोकान्त तक कैसे फैलते हैं, श्रतज्ञानावरणीयकी संख्यात प्रकृतियोंका इसका विचार निर्देश २४७ शब्दोंके लोकान्त तक जाने में कितना अक्षरोंका प्रमाण काल लगता है, इसका विचार २२३ | संयोगी अक्षरोंका प्रमाण व उनके समणि और विषमश्रेणिसे आये हुए लाने की विधि आदि २४८ शब्द किस प्रकार सुने जाते हैं, यहां संयोगसे क्या लिया है, इसका इसका विचार विचार २५० शेष व्यञ्जनावग्रहों व उनके आवरणोंका । संयोगी अक्षरका दृष्टांत २५९ २४५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org,
SR No.001812
Book TitleShatkhandagama Pustak 13
Original Sutra AuthorBhutbali
AuthorHiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Balchandra Shastri
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1993
Total Pages458
LanguagePrakrit, Hindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size11 MB
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