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________________ लोक का स्वरूप १२३ एक सज्जन थे, जो सेवानिवृत हो चुके थे। वे एक बड़े इस्पात कारखाने के अध्यक्ष रह चुके थे, करोड़पति थे। उन्हें पैसे की कमी की चिंता नहीं थी, पर वह डॉलर के अवमूल्यन को लेकर चिंतित रहते थे। मैंने उनसे पूछा, 'क्या बात है? क्या आपके पास पैसा नहीं है?' उन्होंने जवाब दिया, 'वह तो मेरे पास बहुत है, पर यदि डॉलर इसी तरह गिरता रहा, तो मेरा क्या होगा?' इस तरह का मन पूरी तरह से विरूपित है। उनकी चिंता इतनी बड़ी है कि पास में जो करोड़ों रुपये हैं, वे उन्हें कुछ भी नहीं लगते। यह व्यक्ति अपने ही भय से भयभीत है। असल में आपने जो भय पैदा कर लिया है, उसके अलावा दूसरा कोई भय नहीं है। एक बार भय मन में घर कर जाता है, तो वह आपको हज़ारों दिशाओं में ले जाएगा। ये विकृत मानसिक सृष्टियाँ, जिन्हें हम काला जादू कहते हैं, और कुछ नहीं हैं बल्कि डर की पैदाइशें हैं। जब हमें डर लगता है, तो ऐसे लोग होते हैं जो जानते हैं कि इस स्थिति का लाभ उठाकर वे हमें कैसे ठगें। इसीलिए महावीर ने नवदीक्षितों से प्रत्यक्ष कहा, 'आप डर से प्रेरित होकर जो कुछ भी करते हैं, वह अर्थहीन है। आपको उस स्थिति में पहुँचना है जिसमें आप संपूर्ण संसार को उसकी वास्तविकता में देख सकें। तब आप जो भी करेंगे, निर्भयता से करेंगे।' जब आप भय की छाया तले न होंगे, तब आप पल-पल का आनंद ले सकेंगे। जो व्यक्ति भय के तले जी रहा है, वह जीवन का आनंद नहीं ले पाएगा। उदाहरण के लिए, एक कैदी को बताया जाता है, 'कल तुम्हें फाँसी मिलेगी, इसलिए आज जितना चाहे खा लो, और जहाँ जाना चाहो, चले जाओ।' क्या वह भोजन का मज़ा ले पाएगा? वह तो कल की कल्पना से ही काँप जाएगा। इसी तरह भय आपको आध्यात्मिक बनने नहीं देता है। भय के मारे भगवान को याद करना भी एक तरह का रिश्वत मात्र है; आध्यात्मिकता नहीं। आध्यात्मिकता हमेशा अभिज्ञ होती है; आप जो भी करें, अभिज्ञता से करें। भय से परे कैसे जाएँ? इसका एकमात्र उपाय है कि आप जानें कि संसार क्या है, यह जानें कि आप क्या हैं, संसार के साथ आपका क्या Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001806
Book TitleJivan ka Utkarsh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChitrabhanu
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year2008
Total Pages184
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Sermon, Principle, & Religion
File Size11 MB
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