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________________ जीवन का उत्कर्ष इसी से संबंधित है प्रमाद का दूसरा रूप - समय के प्रति असावधानी या अनुशासन का अभाव। जो आलसी हैं, वे कहते हैं, 'मेरे पास समय नहीं है, क्योंकि वे नहीं जानते कि समय का सदुपयोग कैसे करें। ऐसा व्यक्ति समय बरबाद करने में माहिर है। वह घंटों चाय की चुस्कियाँ लेता रहता है, टीवी देखता रहता है या अखबार पढ़ने में मशगूल रहता है। फिर वह हड़बड़ी करने लगता है क्योंकि उसे अपने कार्य में विलंब हो रहा है। इससे पता चलता है कि समय की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। यह एक जाल है जिसमें फँसने पर हमारी सारी ऊर्जा नष्ट हो जाती है। लेकिन जो समय को जोतना जानता है, उसके पास समय हमेशा रहता है। प्रमाद का तीसरा रूप है जीवन की वास्तविकता से अनजान रहना, अपने आत्म-स्वरूप की ओर ध्यान नहीं देना। ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने अपने आपको नहीं सिखाया है कि इस मानव जीवन रूपी सुंदर उपहार का सही उपयोग कैसे किया जाए। इसके लिए कुछ अनुशासन और कुछ प्रतिबद्धताएँ आवश्यक है। इसीलिए जो अप्रमाद का अभ्यास करते हैं, यानी जागरूक रहते हैं, वे अपने कार्यक्रम की रूपरेखा बना लेते हैं। वे इसमें सख्ती नहीं बरतते हैं। मगर वे जानते हैं कि उन्हें एक दिन में, एक महीने में अथवा एक साल में क्या-क्या हासिल करना है, ताकि वे अपनी ऊर्जा को उस दिशा में लगा सकें। यह मात्र उपलब्धि के लिए हासिल करना नहीं है, न ही यह बाहरी लाभों के लिए, यह है अपने आप को किन्हीं सोद्देश्यपूर्ण कार्यों में लगाना ताकि जीवन का विकास हो, जीवधारियों का भला हो। इस जागरूकता को मन में रखने से, अपने आपको जीवन के तारतम्य में लाकर तात्कालिक कार्यों पर ध्यान लगाया जा सकता है, और साथ ही अतीत, वर्तमान और भविष्य को एक-दूसरे के तारतम्य में लाया जा सकता है। यदि आपमें अनुशासन के साथ दृढ़ता भी है, तो सब कुछ सुचारु रूप से होगा। समय के वितरण में आप सही संतुलन प्राप्त कर लेंगे, कुछ समय शांति के लिए, कुछ ध्यान के लिए, विश्राम के लिए, पोषण ग्रहण करने के लिए, शारीरिक व्यायाम के लिए और कुछ सेवा के लिए। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001806
Book TitleJivan ka Utkarsh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChitrabhanu
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year2008
Total Pages184
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Sermon, Principle, & Religion
File Size11 MB
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