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________________ - आमुख बाहर से अखरोट के आकार जैसा दिखनेवाला मस्तिष्क असंख्य चेतातंतुओं से बना हुआ होता है। एक सेकन्ड के १६ वे भाग में त्वरित निर्णय लेने वाला मस्तिष्क समग्र शरीर का संचालन केन्द्र है । सुपर कम्प्यूटर से भी उच्च कोटि के हमारे मस्तिष्क और चेतातंत्र के बारे में बहुत सारे संशोधन हए है। पूरे शरीर में मस्तिष्क-चेतातंत्र एक अति संवेदनशील तंत्र है और उसमें कहीं पर भी क्षति हो तो पूरे शरीर को उसकी असर हो सकती है। अठारह सालसे अहमदाबाद में मेरे क्लिनिक "न्यूरोलोजी सेन्टर" में, प्रख्यात वी. एस. जनरल हॉस्पिटल और स्टर्लिंग हॉस्पिटल, जीवराज महेता हॉस्पिटल में गुजरात और अन्य प्रांत के विविध मुकाम से आने वाले मेरे मरीजों के इलाज के दौरान ज्ञात हुआ कि मरीजों और उनके स्वजनों को मस्तिष्क की बीमारी के बारे में जानने की उत्सुकता होती है। हिन्दी या अन्य भाषा में इस बारें में एक ही स्थल पर जानकारी मिल सके ऐसा कोई पुस्तक नहीं था, इसलिए मन में ऐसी स्फुरणा हुई कि मस्तिष्क और चेतातंत्र से संबंधित बीमारियों के बारे में कुछ लिखुं । समय के अभाव की वजह से यह बात आगे नहीं बढ़ पाई, पर बाद में आकाशवाणी पर से सितम्बर 1999 में सुबह का 'पहेलुं सुख' कार्यक्रम तथा दूरदर्शन पर 'स्वास्थ्य सुधा' कार्यक्रम में मस्तिष्क की कुछ बीमारियों के बारे में मेरे प्रवचन हुए। उनमें से मुझे मस्तिष्क की मुख्य बीमारियों के बारे में लिखने की प्रेरणा हुई । और इस पुस्तक का सर्जन हुआ । प्रथम ये पुस्तक सन 2000 में मेरी मातृभाषा गुजराती में मैंने लिखा, बाद में अंग्रेजी संस्करण सन 2002 में किया और फिर पुस्तक की खूब प्रसिद्धि की वजह से दो और संस्करण किए और अब ये हिन्दी संस्करण कर रहा हूँ। __ यह हिन्दी पुस्तक सिर्फ अनुवाद नहीं है, बल्कि इसमें पिछले पाँच साल में आई हुई काफी नई जानकारी, नया संशोधन समाविष्ट किया है; Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001801
Book TitleMastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudhir V Shah
PublisherChetna Sudhir Shah
Publication Year2008
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Science, & Medical
File Size17 MB
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