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________________ 52 मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ परिभ्रमण में रुकावट होने से मस्तिष्क के कोषों में पोषण और ऑक्सिजन की कमी हो जाती है, फलस्वरूप ये कोष काम करना बंद कर देते हे । और यह समस्या शुरू होती है । स्ट्रोक के दूसरे प्रकार ब्रेईन हेमरेज के बारे में विशेष बातें हम आनेवाले चेप्टर में देखेंगे। कुछ नसीबवाले लोगों को क्षणिक पक्षाघात की असर २४ घंटे के अंदर संपूर्णत: चली जाती है, जिसे चिकित्सा की भाषा में टी.आई.ए. (Transient Ischemic Attack) कहते हैं । हालांकि ऐसे मरीजों में से ३० प्रतिशत को आनेवाले पांच वर्ष में बड़े पक्षाघात का असर हो सकता है । इसलिये क्षणिक पक्षाघात को भी चेतावनी समझ कर सावधानी रखना हितकारी है। ___ पक्षाघात के प्रकार और उससे होने वाली असर की तीव्रता, मस्तिष्क के किस भाग को कितनी क्षति पहुँची है, इसके द्वारा निष्णात डॉक्टर तय करते हैं । अगर मस्तिष्क में बायें भाग में असर होगा तो दायें भाग में पक्षाघात का असर दिखाई देता है, जिसमें वाणी की क्षमता भी कम हो जाती है । इसी प्रकार मस्तिष्क के दायें भाग में असर होगा तो शरीर के बायें भाग पर पक्षाघात का असर दिखता है। मिडल सेरेबल आर्टरी 7 - MCA बा. एन्टिरियर सेरेबल आर्टरी - एन्टिरियर कोम्युनिकेटिंग आर्टरी / इन्टर्नल (केरोटिड आर्टरी) (मस्तिष्क में रक्त पहुंचानेवाली मुख्य नलिकाओं में रक्त प्रवाह बंद होने से पक्षाघात हो सकता है) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001801
Book TitleMastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudhir V Shah
PublisherChetna Sudhir Shah
Publication Year2008
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Science, & Medical
File Size17 MB
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