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4 - मिर्गी के दौरे (Epilepsy) (c) स्टिम्युलेशन - Stimulation - उत्तेजित करने की प्रक्रिया
(१) वेगस नर्व स्टिम्युलेशन (२) थेलेमिक स्टिम्युलेशन
(३) सेरीबेलर स्टिम्युलेशन (d) कोष प्रत्यारोपण - सेलट्रान्स्प्लान्ट (Cell Transplant)
(C) वेगस नर्व स्टिम्युलेशन - (VNS ) :
सन् १९८० में Joseph Zarbara द्वारा खोजी गई और करीब ८ से १० लाख रूपये की लागत से होने वाली यह विशिष्ट प्रकार की सर्जिकल प्रोसीजर है, जिसमें कम्प्यूटर पद्धति से इलेक्ट्रिक रूप से वेगस नर्व (मस्तिष्क से निकलती १० नंबर की चेता) को उत्तेजित किया जाता है, जिससे मिर्गी के दौरे ५० प्रतिशत से भी कम हो जाते हैं । उसके साथ दवा भी ले सकते है । दौरा पड़ने की जानकारी (जिसे औरा कहते है) हो जाती हो, तो मरीज़ स्वयं ही इलेक्ट्रोड को उत्तेजित कर ऐसी मिर्गी को बंद भी कर सकता है ।
इस पद्धति की व्यापकता बढ़ती जा रही है । यह सुरक्षित पद्धति है । इसके मापदंड बदले जा सकते हैं । जिन मरीजों का सर्जरी के लिए योग्य केस न हो, जिसमें मिर्गी का उद्भवस्थान केन्द्र (focus) नहीं हुआ हो अथवा जो सर्जरी के लिये प्रतीक्षा रत हों, उन सभी में यह पद्धति काफी अच्छी है। खासकर जिस मामले में दवाईयाँ विशेष उपयोगी नहीं साबित हुई हों, उनमें इस प्रकार का उपचार उपयोगी है।
(D) किटोजेनिक डायेट :
८० प्रतिशत चरबीयुक्त भोजन से मिर्गी का प्रमाण काफी हद तक कम होता है। ऐसी शोध के बाद यह पद्धति प्रचलित हुई है। यह पद्धति विशेषकर अनियंत्रित मिर्गी वाले बच्चों में उपयोगी पाई गई है, जिससे करीब ३०% बच्चे मिर्गी से मुक्त हुए पाए गए है और इतने ही ३०% अन्य मरीजों की मिर्गी में भी कमी पाई गई है। इस प्रकार का भोजन लेना शुरु में बच्चों को कठिन लगता है और कुछ रोगों में तो यह दिया ही नहीं जा सकता है, परंतु धीरे-धीरे बच्चे आदी हो जाते हैं।
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