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________________ 280 मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ ताकत है। मरीज़ को पसंद हो ऐसी सुमधुर संगीत की केसेट धीरे स्वर में रखी जा सकती है। हमारा दुर्भाग्य है कि मेडिकल इन्स्योरन्स की प्रथा के संदर्भ में भारतीय नागरिक में जितनी चाहिए उतनी जागृति नहीं है। उसके विरुद्ध मेडिकल उपचार दिनप्रतिदिन महँगा होता जा रहा है । ऐसी परिस्थिति में जिसका इन्स्योरन्स नहीं है और मरीज़ आर्थिक तरह से कमजोर हो ऐसे मरीज़ के उपचार के खर्च के लिये आर्थिक मदद की आवश्यकता हो तो, डॉक्टर को इस संदर्भ में बताना चाहिये । उनके मार्गदर्शन से सामाजिक संस्था द्वारा दवाई कम दाम में मिल सकती है। ऐसी संस्थायें बड़े शहरों में कार्यरत है। अस्पताल के सामाजिक कार्यकर्ता यहाँ मार्गदर्शन दे सकते है। कुछ रोगों में विशिष्ट, घनिष्ट और महँगे उपचार की आवश्यकता रहती है। जैसे कि AIDP में प्लाझमा एक्सचेन्ज, AIDP या मायेस्थेनिया में गामाग्लोब्यूलिन, श्वसनयंत्र (वेन्टिलेटर) इत्यादि के लिए खर्च रु. ५० हजार से रु. ३-४ लाख से भी अधिक तक पहुँच जाता है। ऐसे समय में राहत दर से उपचार के लिए, या अधिक जानकारी के लिए या फिर उपचार के खर्च के लिये चिकित्सक शायद मार्गदर्शक बन सकते है । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001801
Book TitleMastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudhir V Shah
PublisherChetna Sudhir Shah
Publication Year2008
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Science, & Medical
File Size17 MB
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