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________________ 25- अस्पताल में भर्ती किए हुए मरीज़ संबंधित जरूरी सूचनाएं । 279 • मरीज़ को शांति और आराम की आवश्यकता होने से उसके बिस्तर के पास शोरगुल नहीं मचाना चाहिये । • कमरें में स्वच्छता रखें । • मरीज़ के पास अधिक भीड़ ना करें। उससे मरीज़ को संक्रमण लगने का डर रहता है। रोगिष्ट स्वजन मरीज़ को मिलने आयें वो ठीक बात नहीं है । मरीज़ का हाल पूछने आये व्यक्ति को मरीज़ सुन सके इस तरह उसकी बीमारी, मृत्यु या दूसरी कोई आघातजनक बातें नहीं करनी चाहिये । ऐसी कोई भी बात मरीज़ के मनोबल को कम करती है। ऐसे लोग मरीज़ के पास न जाये उसका खास ध्यान रखना चाहिये । उसी तरह दर्द, दवाई, डोक्टर या अस्पताल के बारे में सुने हुए खराब अनुभव, मान्यताएँ की बाते मरीज़ को और उसके रिश्तेदारों समक्ष नहीं करनी चाहिये । मरीज़ के रोग के बारे में सूचना, दी जाती दवाई ठीक है या नहीं, डॉक्टर अच्छे है या नहीं - ऐसी सम्बन्धित किसी भी प्रकार की उलटी सुलटी बातें नहीं करनी चाहिये । ऐसा होने से मरीज़ और उनके रिश्तेदार दुविधा में पड़ जाते है, जिससे मरीज़ के स्वास्थ्य उपचार में विक्षेप होता है । एक साथ मरीज़ का हालचाल पूछने जाने की प्रथा में और वहां के वातावरण में बदलाव करने की खास आवश्यकता है। मरीज़ के लिए फल, पुस्तक, Get Well Soon कार्ड अर्पण करके शुभेच्छा दी जा सकती है । घर पर या धार्मिक स्थलों पर जाकर प्रार्थना की जा सकती है। मरीज़ को भी प्रार्थना के लिये समजाया जा सकता है। प्रार्थना में अच्छा करने की बहुत Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001801
Book TitleMastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudhir V Shah
PublisherChetna Sudhir Shah
Publication Year2008
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Science, & Medical
File Size17 MB
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